अग्निपथ का विरोध: छात्र ने दी जान, आगजनी-तोड़फोड़, रेलवे ट्रेक जाम

सेना की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों ने तोड़फोड़ और जाम की कई राज्यों से खबर

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध की आग गुरुवार को और भड़क गई। बिहार से शुरू हुआ विरोध अब उत्तरप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल समेत अन्य राज्यों तक पहुंच गया है। हरियाणा के रोहतक में इस योजना के विरोध में एक छात्र ने जान दे दी। सेना की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों ने तोड़फोड़ और जाम की कई राज्यों से खबर आ रही है। पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच तीखी झड़प भी हो रही हैं।

बिहार के कई जिलों में दूसरे दिन भी इस योजना के विरोध में बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जहानाबाद, बक्सर और नवादा में ट्रेन रोकी गई। छपरा और मुंगेर में सड़क पर आगजनी के बाद जमकर प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार की सुबह से ही मुंगेर में पटना-भागलपुर मुख्य मार्ग को सफियाबाद के पास जाम कर दिया है। जहानाबाद में छात्रों ने गया-पटना रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया और शहर में आगजनी की है।

अभ्यर्थी केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ को तत्काल वापस लेने की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे केवल चार साल के लिए नौकरी के लिए तो सालों से तैयारी नहीं कर रहे हैं। साथ ही अभ्यर्थियों का विरोध इस बात पर भी है कि अब सेना में जितनी भी भर्तियां होंगी, वो अग्निपथ स्कीम के तहत ही होंगी। पुराने मेडिकल या फिजकल टेस्ट को नहीं माना जाएगा। भर्ती के लिए युवाओं को अग्निपथ स्कीम के तहत ही अप्लाई करना होगा।

दूसरी ओर सेना के रिटायर्ड अधिकारी भी इस योजना पर सवाल उठा रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने भी एक इंटरव्यू में कहा है कि योजना में ट्रेनिंग की अवधि केवल 6 महीने जो सेना की दक्षता को देखते हुए काफी कम है। साथ ही केवल 4 साल की नौकरी के लिए जवान जोखिम लेना भी काम कर सकता है साथ ही उसका मोटिवेशनल लेवल भी नियमित सैनिकों से काम हो सकता है।

गौरतलब है कि 14 जून को केंद्र सरकार ने सेना की तीनों शाखाओं (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना की घोषणा की है। इसके तहत नौजवानों को सिर्फ 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी। माना जा रहा है कि सरकार ने ये कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है।

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