त्रासदी या मज़ाक: प्रधानमंत्री जी… क्या बेटी की ‘आत्महत्या’ एक ‘चुटकला’ है?

विवादों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक कार्यक्रम में सुनाये गए किस्से में आत्महत्या का जिक्र, कांग्रेस ने जताई हैरानी

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक कार्यक्रम में सुनाये गए किस्से में आत्महत्या का जिक्र किये जाने का मामला अब विवादों में आ गया है। कांग्रेस ने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते प्रधानमंत्री द्वारा युवाओं के आत्महत्या जैसे गंभीर विषय पर चुटकुले सुनाने पर हैरानी जताई है। साथ ही प्रधानमंत्री के वक्तव्य को संवेदनहीन करार दिया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने युवाओं की आत्महत्या जैसे विषय पर प्रधानमंत्री के चुटीले अंदाज की आलोचना की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा कि हज़ारों परिवार आत्महत्या के कारण अपने बच्चों को खोते हैं। प्रधानमंत्री को उनका मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए!

वहीं प्रियंका गांधी ने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए लिखा साल 2021 में 164033 भारतीयों ने आत्महत्या की। जिनमें से एक बड़ा प्रतिशत 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों का था। यह एक त्रासदी है मजाक नहीं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री के साथ-साथ उन लोगों पर भी निशाना साधा है जो पीएम के चुटकुले पर ठहाके लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि इस तरह के असंवेदनशील लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का उपहास करने के बजाय खुद को बेहतर ढंग से शिक्षित करना चाहिए और दूसरों को भी ऐसे मुद्दों के प्रति जागरुक करना चाहिए।

युवक कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने भी प्रधानमंत्री का वीडियो शेयर करते हुए सवाल उठाया कि क्या बेटी की ‘आत्महत्या’ एक ‘चुटकला’ है?

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यहाँ उन्होंने अपने सम्बोधन में एक किस्से को शेयर किया था। इसे सुनाते हुए पीएम का एक वीडियो भी वायरल है। पीएम बताते हैं कि एक युवती अपने प्रोफसर पिता के नाम चिट्ठी छोड़ जाती है कि वह आत्महत्या करने जा रही है। बेटी की चिट्ठी देखकर प्रोफसर पिता गुस्सा हो जाते हैं क्योंकि उन्हें सुसाइड नोट में एक शब्द की स्पेलिंग गलत नजर आती है। पीएम के इस चुटीले अंदाज पर लोग ठहाके भरते नजर आए थे।

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