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न्यू इंडिया: कानून तोड़कर नफरती भाषण, सात साल बाद जुर्माना 800 रुपए?

अखलाक की मॉब लिंचिंग से जुड़े 7 साल पुराने मामले में कोर्ट का फैसला सुर्ख़ियों में

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) सुप्रीम कोर्ट द्वारा देश में नफरत भरे भाषणों से ख़राब हो रहे माहौल पर पर अंकुश लगाने की जरूरत पर जोर देने के बीच उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में हुए अखलाक की मॉब लिंचिंग से जुड़े 7 साल पुराने मामले में कोर्ट का फैसला सुर्ख़ियों में है।

इस मामले में कोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर कोर्ट भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक संगीत सोम को धारा 144 के उल्लंघन का दोषी दोषी करार दिया है और उन्हें धारा 188 के तहत दोषी ठहराया गया है। कोर्ट ने उन पर 800 रुपये का जुर्माना लगा इस मामले का निपटारा भी कर दिया है।

अखलाक की लिंचिंग के बाद संगीत सोम धारा 144 का उल्लंघन कर बिसाहड़ा गए थे और वहाँ उन्होंने एक भड़काऊ भाषण भी दिया था। इलाके में निषेधाज्ञा लगी होने के बावजूद संगीत सोम ने गांव के मंदिर के बाहर जनसभा को संबोधित किया था। संगीत सोम उस वक्त मेरठ के सरधना से बीजेपी के विधायक हुआ करते थे।

कोर्ट द्वारा इस मामले में सात साल बाद 800 रुपये का जुर्माना लगा मामले का निपटारा किये जाने पर सोशल मीडिया में

प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

गौरतलब है कि 28 सितंबर 2015 की रात बिसाहड़ा गांव में गोमांस की अफ़वाह पर 52 साल के अख़लाक़ की भीड़ ने हत्या कर दी थी। इस केस में नोएडा पुलिस ने हत्याकांड के 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 31 जुलाई 2017 को मुख्य आरोपी विशाल राणा को जमानत दे दी थी।

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