यशवंत सिन्हा चुनाव से ठीक पहले TMC में शामिल, जानिए क्या हैं मायने?

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता और अटल सरकार में भरोसेमंद मंत्री रहे यशवंत सिन्हा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए।

कोलकाता (जोश होश डेस्क) भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता और अटल सरकार में भरोसेमंद मंत्री रहे यशवंत सिन्हा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए। यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने कोलकाता पहुंच कर टीएमसी मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ली।

इस दौरान एक प्रेस वार्ता में यशवंत सिन्हा ने कहा कि मेरे फैसले से लोग चौंक रहे होंगे। मैं पार्टी पॉलिटिक्स से अलग हो गया था लेकिन आज हमारे देश के मूल्य खतरे में हैं और उनका अनुपालन नहीं हो रहा है। प्रजातंत्र की ताकत हमारी संस्थाओं में निहित है लेकिन आज हम संस्था कमजोर हो गई है। इसमें देश की न्यायपालिका भी शामिल है।

यशवंत सिन्हा अटल सरकार में वित्त मंत्री रहे थे लेकिन लंबे समय से पार्टी में उपेक्षित थे और मोदी सरकार पर सवाल खड़े करते रहे हैं। उनके बेटे जयंत सिन्हा अब भी भाजपा के सांसद हैं। लंबी नाराजगी के बाद साल 2018 में भाजपा से अपने सभी संबंधों को समाप्त करते हुए उन्होंने दलीय राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया था।

यशवंत सिन्हा ने दो दिन पहले ही ममता बनर्जी के समर्थन में ट्ववीट भी किया था

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यशवंत सिन्हा का ममता बैनर्जी के खेमे में आना अहम माना जा रहा है। जब कई बड़े चेहरे और विधायक भाजपा में जा चुके हैं यशवंत सिन्हा का पार्टी में आना टीएमसी का मनोबल बढ़ाएगा।

यह भी कहा जा रहा है कि टीएमसी अब दिनेश त्रिवेदी के स्थान पर यशवंत सिन्हा को राज्यसभा भेज सकती है। दिनेश त्रिवेदी ने हाल ही में टीएमसी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। यशवंत सिन्हा के आने से ममता बैनर्जी को बिहार से लगी विधानसभा सीटों पर फायदा मिल सकता है।

यशवंत सिन्हा 1984 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर जनता पार्टी के सदस्य के रूप में सक्रिय राजनीति में आ गए थे। जनता पार्टी ने 1986 में उनको पार्टी का अखिल भारतीय महासचिव नियुक्त किया था और 1988 में उन्हें राज्य सभा का सदस्य चुना गया था। जनता दल का गठन के बाद उनको पार्टी का महासचिव नियुक्त किया गया था। बाद में वो जनता दल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।

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