PFI पर पांच साल के लिए लगाया प्रतिबंध, 8 सहयोगी संगठन भी बैन

एजेंसियों की जांच के बाद उठाया कदम, अब पीएफआई किसी प्रकार की गतिवधि को नहीं दे सकता अंजाम

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार सुबह जारी गजट नोटिफिकेशन में पीएफआई को गैर-कानूनी संस्था घोषित कर दिया गया। अब पीएफआई किसी प्रकार की गतिवधि को अंजाम नहीं दे सकता है।

नोटिफिकेशन में सरकार ने कहा कि PFI और इससे जुड़े संगठन देश में आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं इसलिए केंद्र सरकार UAPA के तहत PFI पर पांच साल का प्रतिबंध लगा रही है। ये कदम एजेंसियों की जांच के बाद उठाया जा रहा है। पीएफआई के अलावा 8 सहयोगी संगठनों को भी प्रतिबंधित किया गया है।

अब इस प्रतिबन्ध के बाद PFI ना कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकता है, न तो उसका कोई दफ्तर होगा, न वो कोई सदस्यता अभियान चला सकता है और न ही फंडिंग ले सकता है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि पीएफआई ने समाज के विभिन्न वर्गों के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से अपने सहयोगी संगठनों या सम्बद्ध संस्थाओं या अग्रणी संगठनों की स्थापना की है। इसका एकमात्र उद्देश्य इसकी सदस्यता, प्रभाव और फंड जुटाने की क्षमता बढ़ाना है।

पीएफआई के अलावा 8 सहयोगी संगठनों रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल पर भी बैन लगाया गया है।

अब तक के सबसे बड़े अभियान में पीएफआई के खिलाफ दो बार देशव्यापी छापेमारी हो चुकी है। इन छापेमारियों में संगठन के बड़े-बड़े नेता गिरफ्तार किए गए हैं। देश के 8 राज्यों में मंगलवार को भी पीएफआई के करीब 25 ठिकानों पर छापे पड़े थे और 170 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था।

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