कथनी-करनी: गृह मंत्रालय ने दिया था बिलकिस बानो के 11 दोषियों की रिहाई का फ़रमान

सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, बिलकिस बानो के दोषी ठहराए गए 11 लोगों की रिहाई को मोदी सरकार के गृहमंत्रालय ने मंज़ूरी दी थी

नई दिल्ली (जोशहोश,डेस्क) 15 अगस्त को एक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से बेटी बचाओ का नारा बुलंद कर महिला सम्मान की बात कर रहे थे वहीं दूसरी ओर इसी दिन गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए 11 लोगों को रिहा किया गया था।अब यह खुलासा हुआ है कि इन 11 लोगों की रिहाई को मोदी सरकार के गृहमंत्रालय ने मंज़ूरी दी थी।

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए एक हलफनामे में बताया है कि कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस साल 11 जुलाई को एक पत्र के माध्यम से समय से पहले रिहाई को मंजूरी दी थी। हलफनामे के मुताबिक 11 दोषियों ने जेल में 14 साल की सजा पूरी कर ली थी। उनका व्यवहार भी अच्छा पाया गया। इसके बाद उन्हें रिहा करने का फैसला किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से पूरा रिकॉर्ड मांगा था।

साल 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उनके मामले में अभियोजन पक्ष की दलीलों अनुसार गुजरात के रंधीकपुर गांव में एक भीड़ द्वारा उनकी तीन साल की बेटी सालेहा सहित उनके परिवार के 14 सदस्यों की हत्या उस समय कर दी गई थी, जब वे मार्च 2002 के गोधरा दंगों के दौरान जान बचाकर भाग रहे थे। बिलकिस बानो उस समय 19 वर्ष की थीं और वह पांच महीने से गर्भवती भी थीं।

बड़ी बात यह है कि हलफनामे में यह भी कहा गया है की कि सीबीआई, मुंबई के पुलिस अधीक्षक ने पिछले साल मार्च में दोषियों द्वारा दायर समय पूर्व रिहाई के आवेदन का विरोध किया था। साथ ही इस मामले की सुनवाई कर 11 लोगों को दोषी ठहराने वाले सत्र न्यायाधीश ने भी समय पूर्व रिहाई का समर्थन नहीं किया था।

यह खुलासा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की सदस्य सुभाषिनी अली, पत्रकार रेवती लौल और प्रोफेसर रेखा वर्मा की तरफ से इन दोषियों को दी गई माफ़ी के खिलाफ दायर जनहित याचिका (पीआईएल) के जवाब में राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत 400-पन्ने से अधिक के हलफनामे के हिस्से के रूप में आया है। इन 11 लोगों को जेल से रिहा किये जाने के बाद शीर्ष अदालत में यह जनहित याचिका दायर की गई थी और फिर अदालत ने 25 अगस्त को इन दोषियों और राज्य सरकार को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया था।

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