क्या पिछले साल से ही मोदी सरकार के निशाने पर हैं दिशा रवि?

दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद पर्यावरण कार्यकर्ताओं, राजनेताओं, पत्रकारों और लेखकों ने सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि ‘जलवायु परिवर्तन’ विषय की बहुत अच्छी जानकार हैं। जो लोग उन्हें करीब से जानते हैं, उनका कहना है कि दिशा जलवायु परिवर्तन को लेकर बहुत भावुक रही हैं। वह फिलहाल पांच दिन की पुलिस की हिरासत में हैं। दिल्ली पुलिस ने शनिवार देर रात बेंगलुरु से दिशा रवि को गिरफ्तार किया था और अब उन्हें दिल्ली की एक अदालत ने पांच दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। वह ‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर’ (एफएफएफ) की सह-संस्थापक हैं और देश में एफएफएफ आंदोलन का हिस्सा हैं।

पिछले साल से ही सरकार के निशाने में हैं दिशा रवि

दिशा रवि लगातार पर्यावरण से जुड़े मुद्दे उठाती रही हैं। उन्होंने पिछले वर्ष नए पर्यावरण कानूनों के पक्ष में लोगों के बीच जागृति फैलाने और कानून के विषय में समझ पैदा करने के लिए एक सोशल मीडिया कैंपेन चलाया था। जिसके बाद लाखों लोगों ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को ईमेल किए थे। इसके बाद उनके अकाउंट और वेबसाइट को बंद करवा दिया गया था।

लगभग सात महीने पहले यानि जुलाई 2020 में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वो फ्राइडे फॉर फ्यूचर वेबसाइट को ब्लॉक करे और इसके संचालकों पर आतंकवाद निरोधी कानून के तहत कार्रवाई करे।

दिल्ली पुलिस द्वारा 7 जुलाई 2020 को जारी किए गए नोटिस में बताया गया था कि पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शिकायत की है कि फ्राईडे फॉर फ्यूचर द्वारा उनके ईमेल पर एक ही विषय इनव्यारोनमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट (EIA) 2020 से ढेरों ईमेल भेजे गए हैं। उनकी शिकायत पर हमने फ्राईडेज फॉर फ्यूचर वेबसाइट की जांच की है। इसमें भारत की शांति और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने वाली गैरकानूनी गतिविधियां हैं।

मार्च 2020 में पर्यावरण मंत्रालय ने मसौदा पर्यावरण प्रभाव आकलन इम्पैक्ट एसेसमेंट, ईआईए अधिसूचना जारी की थी। इसमें जनता से सुझाव मांगे गए थे। इसका पर्यावरण एक्टिविस्ट, संगठनों सहित राजनीतिक दलों ने भी विरोध किया था। इसके लिए दिशा रवि और उनके कैंपेन फ्राइडे फॉर फ्यूचर ने सोशल मीडिया में हैशटैग विदड्राईआईए2020 ट्रेंड किया था और पर्यावरण मंत्रालय को ईमेल भेजे गए थे।

दिशा की गिरफ्तारी के बाद हो रही सरकार की आलोचना

दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद पर्यावरण कार्यकर्ताओं, राजनेताओं, पत्रकारों और लेखकों ने सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है।

देश के पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा है कि -यदि माउंट कार्मेल कॉलेज की 22 वर्षीया छात्रा और जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि देश के लिए खतरा बन गई है, तो भारत बहुत ही कमजोर बुनियाद पर खड़ा है। चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की तुलना में किसानों के विरोध का समर्थन करने के लिए लाया गया एक टूक किट अधिक खतरनाक है!

वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, “सवाल ये है कि वो कब गिरफ्तार होंगे जो भारत की राष्ट्रीय एवं सामाजिक एकता को खंडित करने के लिए सुबह-शाम जनता के बीच घृणा व विभाजन को जन्म देने के लिए शाब्दिक ‘टूलकिट’ जारी करते रहते हैं। भाजपा सरकार बताए कि शिकायत करने पर भी वो इन ‘टूलकिटजीवियों’ पर कार्रवाई क्यों नहीं करती?”

मीना हैरिस ने भी ट्विटर में ट्वीट करके पूछा है कि सरकार के द्वारा एक्टिविस्ट्स को चुप क्यों किया जा रहा है। उन्होंने लिखा कि – ”भारतीय अधिकारियों ने एक अन्य युवा महिला कार्यकर्ता, 21 साल की दिशा रवि को गिरफ्तार किया है, क्योंकि उसने सोशल मीडिया पर एक टूलकिट पोस्ट की थी कि कैसे किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करें। घटनाओं के अनुक्रम के बारे में इस थ्रेड को पढ़ें और पूछें कि एक्टिविस्ट्स को सरकार की ओर से टारगेट और चुप क्यों किया जा रहा है।

कौन हैं दिशा रवि

22 साल की दिशा रवि बेंगलुरु के माउंट कार्मेल स्कूल से ग्रैजुएट 22 साल की दिशा रवि क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रुप Fridays for future का हिस्सा हैं। इस ग्रुप की शुरुआत 2018 में ग्रेटा थनबर्ग ने की थी। 2019 में दिशा रवि ने इस संगठन की भारतीय विंग शुरू की थी। वर्तमान में वह देश में इसकी मुखिया के तौर पर काम करती हैं।

इसके साथ ही दिशा रवि क्लाइमेट चेंज पर लेख भी लिखती रही हैं। एक कार्यकर्ता जो उनके अधिकांश अभियानों में भाग ले चुके हैं, उन्होंने बताया कि जब जलवायु परिवर्तन के लिए अभियान चलाने की बात आई थी, तो आयोजन स्थल पर पहुंचने वाली वह पहली व्यक्ति होती थीं और सबसे अंत में वहां से जाती थीं। वह बहुत ही समर्पित भाव से काम करने वाली कार्यकर्ता रही हैं। उनके अनुसार, वह जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में स्कूली बच्चों को पढ़ाने में अधिक रुचि रखती थीं। स्कूलों के कार्यक्रमों में अपने व्याख्यान देने के लिए वह पूरी तैयारी के साथ आती थीं।

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