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घर चलो,घर-घर चलो: 2023 के लिए कांग्रेस-कमलनाथ का ट्रंपकार्ड?

अभियान के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता 28 दिनों में प्रदेश के सभी 65 हजार बूथों तक पहुंचकर मतदाताओं से सीधा संपर्क स्थापित करेंगे।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने मंगलवार से घर चलो, घर-घर चलो अभियान का प्रदेश व्यापी आगाज कर दिया। सुनियोजित योजना और समन्वय के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने देवास में कांग्रेस के इस महाअभियान की शुरुआत की। इस अभियान को साल 2023 में होने वाले प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और कमलनाथ का ट्रंपकार्ड भी माना जा रहा है।

अभियान के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता 28 दिनों में प्रदेश के सभी 65 हजार बूथों तक पहुंचकर मतदाताओं से सीधा संपर्क स्थापित करेंगे। साथ ही केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार की नाकामियों के पर्चे वितरित कर बड़े पैमाने पर सदस्यता अभियान भी चलाएंगे। कांग्रेस का कहना है कि अभियान के दौरान कार्यकर्ता घर घर जाकर बढ़ती महंगाई,आदिवासी-दलित महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और किसानों के साथ प्रदेश की भाजपा सरकार के अन्याय को प्रमुखता से रखेंगे।

देवास में घर चलो,घर-घर चलो अभियान में संबोधन देते प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ।

अभियान के संचालन के लिए हर जिले में समन्वय समिति का गठन भी किया गया है। समिति में जिला अध्यक्ष, विधायक, पूर्व विधायकों समेत जिले के वरिष्ठ नेता भी शामिल किए गए हैं। अभियान के लिए जिलेवार पार्टी के सीनियर नेताओं की जिम्मेदारी भी तय की है। अभियान के पहले दिन ही नेताओं और कार्यकर्ताओं ने घर-घर दस्तक देना भी शुरु कर दिया है।

इस अभियान को साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस और कमलनाथ के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। सियासी पंडितों का मानना है कि कांग्रेस को अगले विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए तीन बिंदुओं संगठन, मुद्दे और गुटबाजी पर सबसे ज्यादा फोकस करने की जरूरत है। घर चलो, घर-घर चलो अभियान इन तीन बिंदुओं पर कांग्रेस के लिए बेहतर नतीजे दे सकता है।

यह माना जाता है कि भाजपा की सबसे बड़ी ताकत उसका संगठन और कार्यकर्ता है। प्रदेश में भी बूथ लेवल तक भाजपा का संगठन और सक्रिय कार्यकर्ताओं की मौजूदगी उसका सबसे बड़ा सकारात्मक पक्ष है। इसे और मजबूत करने भाजपा प्रदेश में अभी बूथ विस्तारक अभियान चलाए हुए है। ऐसे में कांग्रेस को 2023 के विधानसभा चुनावों में बेहतर परिणाम के लिए अपने संगठन में बूथ स्तर तक जान फूंकनी ही होगी।

कांग्रेस का घर चलो, घर-घर चलो अभियान बूथ स्तर तक संगठन को कसने और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। बड़ी बात यह है कि विधानसभा चुनाव में अब भी करीब दो साल का समय है। ऐसे में अगर कांग्रेस अपने संगठन को इस अभियान से बूथ स्तर पर ताकत देने में और कार्यकर्ताओं को घर-घर पहुंचने में कामयाब होती है तो इसका फायदा चुनाव में मिलना तय है।

डिंडौरी में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष वीरेंद्र बिहारी के नेतृत्व में घर-घर जाकर घर चलो अभियान की शुरुआत।

यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा का प्रचारतंत्र बेहद चतुराई से जनहित के मुद्दों को सार्वजनिक बहस में नहीं आने दे रहा है। ऐसे में कांग्रेस के सामने एक बड़ी चुनौती यह भी है कि महंगाई, बेरोजगारी जैसे बुनियादी मुद्दों को सार्वजनिक बहस में लाया जाए और इन मुद्दों को चुनावी मुद्दा बनाया जाए।

कमलनाथ ने घर चलो, घर-घर चलो अभियान के आगाज के दौरान जो संबोधन दिया वह भी इस बात का संकेत है कि कांग्रेस प्रदेश में कोरोना प्रबंधन, किसान कर्जमाफी, रोजगार और महंगाई के मुद्दे को घर-घर तक पहुंचाना चाहती है। कहा यह भी जाता है कि जनहित के मुद्दों पर देश और प्रदेश सरकार से नाराजगी तो दिखती है लेकिन उसे वोट में बदलने के लिए तगड़े प्रयास की जरुरत है। इस दिशा में घर चलो, घर-घर चलो अभियान निर्णायक कदम साबित हो सकता है।

प्रदेश में गुटबाजी को कांग्रेस की एक बड़ी कमजोरी माना जाता है। विधानसभा चुनाव में अब दो साल से भी कम का समय है। यह भी लगभग साफ़ है कि कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में ही चुनाव मैदान में उतरेगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों के पाला बदलने के बाद प्रदेश कांग्रेस में कई चेहरे खुद को साबित करने की कतार में हैं। ऐसे में कमलनाथ के पास घर चलो, घर-घर चलो अभियान के माध्यम से पूरे संगठन को सक्रिय कर नेताओं की जमीनी और सांगठनिक ताकत परखने का अच्छा मौका है। जिससे चुनाव में क्षमता के मुताबिक जिम्मेदारी देकर बेहतर नतीजे प्राप्त किये जा सकें।

देखना यह है कि 28 फरवरी तक चलने वाला यह अभियान घर-घर तक पहुंचने में और घर-घर तक भाजपा सरकार की नाकामियों को बता कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में कितना सफल हो पाता है? देखना यह भी है कि क्या कांग्रेस की गुटबाजी के चलते यह अभियान भी एक रस्म अदायगी तो साबित नहीं होगा? फिलहाज यह अभियान कांग्रेस और कमलनाथ का सही दिशा में उठाया एक महत्वपूर्ण कदम दिखाई दे रहा है।

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