निजी हाथों को सौंपने से पहले 25 एयरपोर्ट पर 14500 करोड़ खर्च करेगी सरकार

अरबों रुपए खर्च करने के बाद एयरपोर्ट को निजी हाथों में दिए जाने पर सवाल भी उठ रहे हैं।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) अडानी ग्रुप को 50 साल के लिए 6 एयरपोर्ट देने के बाद अब सरकार भोपाल और इंदौर समेत 25 अन्य एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने की तैयारी में है। निजी हाथों में देने से पहले सरकार इन एयरपोर्ट पर करीब 14500 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। सरकार साल 2017-18 में ही देश के एयरपोर्ट पर सुविधाओं के विस्तार के लिए 25000 करोड़ रुपए खर्च करने की बात कह चुकी है।

बिजनेस स्टेंडर्ड की खबर के मुताबिक सरकार इन एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने से पहले यहां बुनियादों ढांचे और सुविधाओं के विस्तार पर यह राशि खर्च करेगी। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सरकार ने साल 2017-18 से अब तक इन 25 एयरपोर्ट पर करीब 14500 करोड़ रुपए या तो खर्च किया है या करने जा रही है।

इन एयरपोर्ट का संचालन करने वाली एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ़ इंडिया (एएआई) ने टर्मिलन बिल्डिंग, रनवे और अन्य सुविधाओं के विस्तार में यह राशि खर्च की है या करने जा रही है। अरबों रुपए खर्च करने के बाद एयरपोर्ट को निजी हाथों में दिए जाने पर सवाल भी उठ रहे हैं-

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 25 एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने की तैयारीकर ली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 अगस्त को छह लाख करोड़ रुपए की जो राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना का एलान किया है उसके मुताबिक सरकार ने मॉनेटाइजेशन के लिए भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (AAI) के करीब 25 हवाई अड्डों की लिस्टिंग की है।

इन सभी 25 एयरपोर्ट के मॉनेटाइजेशन की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी होगी। वित्त वर्ष 2021-22 में 6 एयरपोर्ट, 2022-23 में 8 एयरपोर्ट, 2023-24 में 6 एयरपोर्ट और 2024-25 में 5 एयरपोर्ट का मॉनेटाइजेशन होगा।

अगले वित्त वर्ष जिन 6 एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपा जाएगा उसमें इंदौर एयरपोर्ट भी शामिल हैं। वहीं भोपाल एयरपोर्ट को वित्त वर्ष 2024 में निजी हाथों में सौंपने की योजना है। सरकार को उम्मीद है कि एयरपोर्ट को निजी हाथों में दिए जाने से वित्त वर्ष 2021-22 से लेकर 2024-25 तक 20782 करोड़ रुपए का रेवेन्यु हासिल होगा। इससे पहले सरकार अडानी समूह को अहमदाबाद, जयुपर, मंगलौर, त्रिवेंद्रम और लखनऊ एयरपोर्ट 50 साल के लिए दे चुकी है।

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