नया कृषि कानून वैकल्पिक है, अनिवार्य नहीं : मोदी

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि नया कृषि कानून वैकल्पिक है, अनिवार्य नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में 18वीं सदी की सोच से किसानों का भला नहीं हो सकता है।

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी और विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा।

कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में भी देश में खाद्यान्नों का रिकॉर्ड उत्पादन होने में किसानों की मेहनत का जिक्र करते हुए मोदी ने लोकसभा में कहा कि कृषि सुधारों के जरिए सरकार किसानों के हितों के लिए काम करने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नये कृषि कानून से देश के छोटे किसानों को फायदा होगा और उन्हें अपनी उपज बेचने को एक नया विकल्प मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि – दुनिया के बहुत सारे देश कोरोना, लॉकडाउन, कर्फ्यू के कारण चाहते हुए भी अपने खजाने में पाउंड और डॉलर होने के बाद भी अपने लोगों तक नहीं पहुंचा पाए। लेकिन ये हिंदुस्तान है जो इस कोरोना कालखंड में भी करीब 75 करोड़ से अधिक भारतीयों को 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है।

प्रधानमंत्री लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि – इस कोरोना काल में 3 कृषि कानून भी लाये गए। ये कृषि सुधार का सिलसिला बहुत ही आवश्यक और महत्वपूर्ण हैं और बरसों से जो हमारा कृषि क्षेत्र चुनौतियां महसूस कर रहा है, उसको बाहर लाने के लिए हमें निरंतर प्रयास करना ही होगा और हमने एक ईमानदारी से प्रयास किया भी है।

प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों ने विरोध दर्ज करवाते हुए सदन से वॉक आउट किया।

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