Politics

राहुल गांधी ने मीडिया को सुनाई खरी-खरी!

पिछले कुछ सालों से मीडिया की प्राथमिकता में जनता के मुद्दों की जगह सत्ता का गुणगान करना रहा है।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) “मैंने नरेंद्र मोदी व केंद्र सरकार को आगाह किया था कि वह तैयारी करें। बड़ा तूफान आने वाला है। मगर उस समय मीडिया ने मेरा मजाक उड़ाया कि राहुल गांधी डरा रहा है। ये खऱीदे हुए लोग कहते हैं कि राहुल गांधी सबको डरा रहे हैं।“ यह बात कांंग्रेस नेता राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने मीडिया पर यह भी आरोप लगाया कि मीडिया 24 घंटे सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिखाती है।

पिछले कुछ सालों से लगातार भारतीय मीडिया की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि मीडिया न ही विपक्ष को जगह देता है न ही जनता के मुद्दों को। वहीं प्रेस फ्रीडम इंडेक्स यानी प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भी भारत लगातार नीचे खिसकते जा रहा है। प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत 2019 की तुलना में 2020 में दो पायदान नीचे खिसका है। पिछले साल जारी इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत की सरकार द्वारा मीडिया पर दबाव बनाया गया है। वहीं जिन पत्रकारों ने सरकार के खिलाफ बोला है, उनके खिलाफ भी सोशल मीडिया में घृणा फैलाई गई है।

क्या मीडिया ने प्रधानमंत्री से पूछा कि – कोरोना भाग जाएगा कह कर उन्होंने जो लोगों से थाली बजवाई थी, मोबाइल के टॉर्च से रोशनी करवाई थी। उसका क्या हुआ? क्या कोरोना भाग गया?

– राहुल गांधी
राहुल गांधी जनसभा को संबोधित करते हुए।

मीडिया हमेशा ही राहुल गांधी के निशाने पर रहा है। उन्होंने अपने अलग-अलग भाषणों में ये कहा है कि पिछले कुछ सालों में मीडिया की प्राथमिकता में जनता के मुद्दों की जगह सत्ता का गुणगान करना रहा है। राहुल गांधी ने मंच से ही मीडिया से सवाल किया कि – क्या मीडिया ने प्रधानमंत्री से पूछा कि – कोरोना भाग जाएगा कह कर उन्होंने जो लोगों से थाली बजवाई थी, मोबाइल के टॉर्च से रोशनी करवाई थी। उसका क्या हुआ? क्या कोरोना भाग गया?

दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर पत्रकार लड़ते रहे हैं। हाल ही में पाकिस्तान की मीडिया का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। जिसमें वहां की मीडिया ने अपने एक नेता का बहिष्कार कर दिया था। मीडिया ने आरोप लगाया था कि – यहां करप्शन बेतहाशा है, लूटमार का बाजार गर्म है। तमाम सरकारी अफसरान वेलफेयर के नाम पर यहां लूटमार कर रहे हैं। लेकिन, आपने हमें टाइम नहीं दिया और जलील बहुत किया है इसलिए हम बॉयकॉट कर रहे हैं। तब भी भारत में यह चर्चा चल निकली थी कि क्या भारत की मुख्यधारा की मीडिया सत्ता पक्ष के नेताओं के साथ ऐसा कर सकती है।

राहुल गांधी और कांग्रेस ने पहले भी मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले विपक्ष का पक्ष नहीं रखने की वजह से कांग्रेस मुख्यधारा की मीडिया का बहिष्कार भी कर चुकी है। एक लंबे समय तक मुख्यधारा की मीडिया की डिबेट्स में कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने हिस्सा लेना छोड़ दिया था।

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