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क्या मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन का बड़ा खेल हो रहा है?

प्रदेश में ऑक्सीजन का बड़ा खेल होने की आशंका जताई जा रही है। पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने ऑक्सीजन को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया है।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) शिवराज सरकार के लाख दावों के बाद भी प्रदेश में ऑक्सीजन की मारामारी कम होती नहीं दिख रही। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते ज्यादातर अस्पतालों ने नए मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है। हाल यह है कि मरीज के परिजनों से दो टूक कहा जा रहा है कि या तो अपना सिलेंडर लेकर आओ या मरीज को कहीं और ले जाओ। इस बीच प्रदेश में ऑक्सीजन का बड़ा खेल होने की आशंका जताई जा रही है।

पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने ऑक्सीजन को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट किया कि अप्रैल के पहले सप्ताह में महाराष्ट्र में पांच हजार मरीजों पर 457 मीटिक टन ऑक्सीजन खर्च हुई है। वहीं इस अवधि में मध्यप्रदेश में पांच हजार मरीजों पर ही 732 मीटिक टन ऑक्सीजन क्यों खर्च हो रही है?

पूर्व मंत्री अजय विश्नोई के इस ट्वीट के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या प्रदेश में ऑक्सीजन मैनेजमेंट और ऑडिट में कोई चूक हो रही है या प्रदेश में ऑक्सीजन को लेकर कोई बड़ा खेल हो रहा है। जिसका खामियाजा कोरोना संक्रमितों को उठाना पड़ रहा है। महाराष्ट्र में हालात मध्यप्रदेश की तुलना में कहीं ज्यादा खराब हैं। इसके बाद भी मध्यप्रदेश में महाराष्ट्र की तुलना में करीब डेढ़ गुना से ज्यादा खपत होना कई संदेह को जन्म दे रहा है।

हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि ऑक्सीजन की निर्बाध सप्लाई सुनिश्चित करने के लिएनिर्माताओं एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स से सतत संपर्क किया जा रहा है। साथ ही यह दावा किया था कि वर्तमान में ऑक्सीजन सप्लाई की कोई कमी नही है। प्रदेश में लगभग 244 मीट्रिक टन ऑक्सीजन/प्रतिदिन की उपलब्धता है।अस्पतालों और संस्थानों में इसकी बर्बादी रोकने के लिए भारत सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देशों से सभी को अवगत कराया गया है।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने सभी जिलों में ऑक्सीजन की डिमांड, सप्लाई और खपत की निगरानी करने जिला स्तर पर एक समिति भी बनाई है। यह समिति ऑक्सीजन सप्लायर्स के प्लांट, हॉस्पिटल्स की ऑक्सीजन डिमांड एवं स्टॉक की रोजाना निगरानी करती है। इसक बाद भी ऑक्सीजन को लेकर न सिर्फ मारामारी है बल्कि इसके उपयोग पर भाजपा के सीनियर विधायक ने ही गंभीर सवाल उठा दिया है।

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