National

संसद के गेट तक कैसे पहुंचा राहुल गांधी का ट्रैक्टर, पुलिस कहां खा गई चकमा?

बताया जा रहा है कि ट्रैक्टर की बॉडी को रविवार रात एक बड़े कंटेनर के अंदर रखकर लुटियंस जोन तक लाया गया।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) कृषि कानूनों का विरोध करने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का ट्रैक्टर चलाकर संसद के गेट तक पहुंचना बेहद सुर्खियों में है। लुटियंस जोन के हाई सिक्युरिटी एरिया में ट्रैक्टर या अन्य भारी वाहनों के प्रवेश पर दिल्ली पुलिस की खास नज़र रहती है। इसके बाद भी राहुल गांधी ट्रैक्टर ले जाने में सफल हो हो गए। इस पूरे वाकये से पुलिस हैरान है और अब इसकी जांच की जा रही है।

लुटियंस जोन के पूरे इलाके में पुलिस का बेहद सक्रिय रहती है और किसान आंदोलन तथा मानसून सत्र के कारण पूरे इलाके में दिन-रात निगरानी भी रहती है। पुलिस को यह आशंका थी कि कांग्रेस या किसान कभी भी इस तरह ट्रैक्टर के साथ प्रदर्शन कर सकते हैं। इसलिए वह ज्यादा सतर्क थी इसके पहले पिछले साल किसानों ने इंडिया गेट के सामने ले जाकर कुछ ट्रैक्टरों में आग लगा दी थी जिसके विसुअल्स के कारण सरकार बहुत परेशान थी।

हाई सिक्युरिटी एरिया में ट्रैक्टर अंदर ले जाने के लिए राहुल गांधी की टीम ने बड़ी सतर्कता से काम लिया। बताया जा रहा है कि ट्रैक्टर की बॉडी को रविवार रात एक बड़े कंटेनर के अंदर रखकर लुटियंस जोन तक लाया गया। यह भी कहा जा रहा है कि ट्रैक्टर को प्रसिद्ध वकील और राज्यसभा सांसद के बंगले में रखा गया था।

इसके बाद राहुल गांधी ने राज्यसभा सांसद के बंगले पहुंचकर उस पर बैठकर आगे की यात्रा शुरू की। उसी समय कांग्रेस के अन्य नेता भी बंगले पर पहुंचे और वे सभी ट्रैक्टर पर बैठकर रवाना हो गए। इसके पहले की कुछ समझ पाती पुलिस कुछ समझ पाती ट्रैक्टर पर बैठे राहुल गांधी संसद के पास तक पहुंच गए। जहां पर पुलिस ने उन सब को गिरफ्तार करके मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले गई।

ट्रैक्टर पर बैठे राहुल गांधी के जो वीडियो और फोटो पूरे देश के सोशल मीडिया पर चले उससे सरकार परेशान है। सरकार ने राहुल गांधी के इस कदम को नौटंकी और प्रचार पाने का तरीका बताया। बाद में ट्रैक्टर को भी दिल्ली पुलिस ने जब्त कर लिया था। पूरे मामले की जाँच के लिए एक टीम गठित की गई है।

वहीं राहुल गांधी ने ट्रैक्टर को इस इलाके में ले जाकर साबित कर दिया कि उनकी टीम भी इस तरह के कारनामे को अंजाम दे सकती है। इस पूरी कवायद से राहुल गांधी एक संदेश देने में सफल हो गए कि वह सरकार से एक कदम आगे रह सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि विपक्ष के नेताओं की इस तरह की तस्वीरें और मीडिया में प्रचार को मोदी सरकार सख्त ना पसंद करती है। सरकार को हमेशा लगता है कि इस तरह की तस्वीरें देश में किसान आंदोलन को और भी मजबूत कर सकती हैं। जिस तरह से अटल बिहारी वाजपेई की बैलगाड़ी वाली फोटो आज भी वायरल होती है उसी तरह का खतरा को सरकार को किसान आंदोलन में ट्रैक्टर के प्रतीक से लगता है।

Back to top button