निजी इंश्योरेंस कंपनियों को मालामाल कर रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
बीमा कंपनियों ने इस योजना से पांच साल में ही 40 हजार करोड़ कमाए हैं।
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों के हाल सुधरे हों या नहीं लेकिन निजी बीमा कंपनियां जरूर मालामाल हो रही हैं। इस योजना के शुरू होने के बाद पांच सालों में ही सरकारी और निजी बीमा कंपनियों को प्रीमियम के नाम पर सरकार और किसानों से करीब 1,26,521 करोड़ रुपए मिले हैं जबकि इन बीमा कंपनियों ने इस अवधि में किसानों को 87,320 करोड़ का भुगतान किया है। यानी बीमा कंपनियों ने इस योजना से पांच साल में ही 40 हजार करोड़ कमाए हैं।
केंद्र सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग ने बीमा योजंना का लेखा-जोखा संसद की स्थायी समिति के सामने पेश किया है। इसके मुताबिक योजना के प्रारम्भ होने के बाद यानी अप्रैल 2016 से दिसंबर 2020 तक इसमें शामिल अधिकांश सरकारी बीमा कंपनियां प्रीमियम से ज्यादा भुगतान कर घाटे में गई हैं वहीं निजी बीमा कंपनियों ने इस योजना में जमकर चांदी कूटी। निजी बीमा कंपनियों ने इस योजना में 72 प्रतिशत तक लाभ कमाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक फसल बीमा योजना में पांच सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी 50 फीसदी है। इसमें भी सबसे बड़ी हिस्सेदारी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया (एआईसी) लिमिटेड की है। योजना में AIC को ही थोड़ा फायदा मिला है। एआईसी को चार सालों में प्रीमियम से करीब 32 हजार करोड़ रुपये मिले जबकि एआईसी ने भुगतान करीब 26 हजार करोड़ का ही किया। उसकी बचत करीब 17 प्रतिशत रही।
वहीं अन्य सरकारी कंपनियों के लिए यह योजना घाटे का सौदा हुई। न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को प्रीमियम के करीब 46 सौ करोड़ रुपए मिले वहीं उसे करीब 51 सौ करोड़ का भुगतान करना पड़ा जबकि ओरियंटल इंश्योरेंस को प्रीमियम से करीब 38 सौ करोड़ मिले जबकि उसने किसानों को करीब 43 सौ करोड़ का भुगतान किया।
निजी कंपनियों ने इस योजना में जमकर कमाई की। निजी बीमा कंपनी भारती AXA इस योजना में 2017-18 में शामिल हुई इसे बतौर प्रीमियम 1575.42 करोड़ रुपये मिले जबकि इसने किसानों को केवल 438.80 करोड़ का ही भुगतान किया। यानी कंपनी ने तीन साल में ही इस योजना से करीब11 सौ करोड़ रुपये यानी 72 प्रतिशत लाभ कमाया।
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस काॅर्पोरेशन लिमिटेड को इस योजना से चार में करीब 6150.22 करोड़ रुपये का प्रीमियम हासिल हुआ लेकिन कंपनी ने किसानों को भुगतान केवल 2580.56 करोड़ के करीब ही किया। यानी कंपनी को चार साल में करीब 59 प्रतिशत का फायदा मिला। इसी तरह फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस को 60.91 प्रतिशत, इफ्को को 52 फीसदी, एचडीएफसी एग्रो को लगभग 32 फीसदी का मुनाफा हुआ।
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि किसानों को अपने क्लेम की पूरी राशि भी नहीं मिल पा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2020 तक किसानों ने अपनी फसल के लिए करीब 93 हजार करोड़ रुपए का क्लेम किया था जिसके एवज में उन्हें बीमा कंपनियों से करीब 87 हजार करोड़ की राशि ही मिल सकी है। यानी किसानों द्वारा किए गए क्लेम के करीब छह हजार करोड़ रुपए उन्हें नहीं मिल पाए हैं।
गौरतलब है की बीमा कंपनियों को जो करीब एक लाख 26 हजार करोड़ का प्रीमियम मिला है उसमें भी किसानों द्वारा दी गई राशि करीब 20 हजार करोड़ है। इस योजंना का लाभ करीब 7.25 करोड़ किसानों को मिला है। किसानों को इस योजना में रबी की फसल के लिए दो प्रतिशत तथा खरीफ की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम जमा करना होता है।