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शर्मनाक-ग़ैर ज़िम्मेदाराना: चुनावी दौर में मुखर होती सांप्रदायिक पत्रकारिता

न्यूज चैनलों पर प्रसारित डिबेट्स पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने का आरोप, चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) उत्तरप्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति चरम पर है। न्यूज चैनलों पर प्रसारित डिबेट्स पर भी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लग रहा है। ऐसे चैनलों और एंकर्स के खिलाफ सोशल मीडिया पर आक्रोश दिख रहा है और राजनीतिक दलों द्वारा ऐसी सांपद्रायिक डिबेट के बहिष्कार की अपील भी के जा रही है।

सोशल मीडिया पर न्यूज 18 चैनल के एंकर अमन चोपड़ा के शो ‘देश नहीं झुकने देंगे’ को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इस शो के हेडिंग ध्रुवीकरण की राजनीति के पक्ष में माने जा रहे हैं।

वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने इसे सांप्रदायिक पत्रकारिता करार देते हुए शर्मनाक और ग़ैर ज़िम्मेदाराना बताया-

वहीं राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज कुमार झा ने ऐसे शो पर चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग करते हुए राजनीतिक दलों से ऐसे सांप्रदायिक शो के बहिष्कार की अपील की-

कुछ प्रतिक्रियाएं इस तरह भी दिखीं

https://twitter.com/BrajBSPandey/status/1483875722376941568?s=20

गौरतलब है कि देश के बड़े न्यूज़ चैनलों के कार्यक्रमों और एंकर्स के एकतरफा रवैए को लेकर राजनीतिक दल भी अब मुखर होते जा रहे हैं। विपक्षी दलों के नेता और प्रवक्ता लाइव कार्यक्रमों में पक्षपात को लेकर सवाल उठाते दिख रहे हैं। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट तक यह कह चुका है कि किसी भी स्रोत से ज्यादा प्रदूषण टीवी चैनलों पर होने वाली डिबेट्स से फैलता है। जहां हर किसी का कोई ना कोई एजेंडा रहता है। डिबेट के दौरान नेताओं और प्रवक्ताओं के बयानों को संदर्भ से बाहर लिया जाता है।

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