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Twin Tower demolition: भ्रष्टाचार पर सख़्त प्रहार या पैसे की विशुद्ध बर्बादी?

सुपरटेक बिल्डर द्वारा निर्मित ट्विन टावर गिराए जाने पर सोशल मीडिया पर अलग-अलग राय, जिम्मेदार अधिकारियों को लेकर उठ रहे सवाल

नोएडा (जोशहोश डेस्क) रविवार दोपहर करीब 2:30 बजे सुपरटेक बिल्डर द्वारा निर्मित ट्विन टावर (Twin Tower) गिरा दिए जाएंगे। इसमें पहली इमारत 32 तो दूसरी 29 मंजिला है। विस्फोटक द्वारा इन गगनचुंबी इमारतों के ध्वस्त होने में महज 12 सेकेंड लगेंगे, ट्विन टावर को गिराने जाने को लेकर मीडिया पल पल का अपडेट दे रहा है वहीं सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई को लेकर तर्क-वितर्क हो रहे हैं।

ट्विन टॉवर के निर्माण पर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च हुआ है और इसे गिराने पर करीब 20 करोड़ का खर्च आएगा। इस खर्च को हालांकि बिल्डर से ही वसूला जाएगा। ट्विन टॉवर गिराए जाने से पहले एहतियात के तौर पर आसपास की सड़कों को दिनभर बंद रखा जाएगा। पूरे इलाके को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है।

वहीं इस कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर अलग अलग राय दिखाई दे रही है। एक वर्ग इसे भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार बता रहा है वहीं एक वर्ग इन टॉवरों को गिराना अब पैसे की बर्बादी मन रहा है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि भ्रष्टाचार के इस प्रतीक का सारा ठीकरा अकेले बिल्डर पर ही क्यों फोड़ा जा रहा है इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों और सम्बंधित मंत्रालयों के प्रमुखों को पर एक्शन क्यों नही हो रहा?

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स्थानीय रहवासी भी ट्विन टॉवर के गिराए जाने से उठने वाले धुआं और धूल को लेकर चिंतित हैं। कहा जा रहै है कि बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर इसका सबसे ज्यादा बुरा असर होगा। यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी 31 अगस्त तक वायु प्रदूषण पर निगरानी रखेगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दोनों टावर गिराए जा रहे हैं।

ट्विन टावर के अवैध निर्माण को लेकर फ्लैट बायर्स ने 2009 में आरडब्ल्यू बनाया था। इसी आरडब्ल्यू ने सुपरटेक के खिलाफ कानूनी लड़ाई की शुरुआत की थी। नोएडा अथॉरिटी में सुनवाई न होने पर आरडब्ल्यू इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा था। 2014 में हाईकोर्ट ने ट्विन टावर तोड़ने का आदेश जारी किया। इस फैसले के खिलाफ सुपरटेक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट में सात साल चली लड़ाई के बाद 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया था।

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