बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के लिए 447 करोड़ खर्च, 79% केवल विज्ञापन में

लोकसभा में गुरुवार को पेश रिपोर्ट से खुलासा। साल 2016 से 2019 तक करीब 447 करोड़ का बजट जारी।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) केंद्र सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस योजना के तहत साल 2016 से 2019 तक जारी करीब 447 करोड़ रुपए में से 79 प्रतिशत केवल विज्ञापनों में ही खर्च कर दिया गया है। संसदीय समिति की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है।

लोकसभा में भाजपा सांसद हीना विजयकुमार गावित की अध्यक्षता वाली समिति ने गुरुवार को इससे संबंधित रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के मुताबिक योजना की लगभग 80 फीसद धनराशि का उपयोग सरकार ने विज्ञापन पर किया गया है, न कि महिलाओं के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों पर। समिति ने इस पर नाराजगी भी जताई है।

रिपोर्ट में कहा गया की समिति बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संदेश को लोगों के बीच फैलाने के लिए मीडिया अभियान चलाने की जरूरत को समझती है, लेकिन योजना के उद्देश्यों को बैलेंस करना भी उतना ही जरूरी है। ।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में ये बताया कि तब से 2019-20 तक, इस योजना के लिए कुल 848 करोड़ रुपये मंजूर हुआ है। इसमें से साल 2016- 2019 के दौरान जारी किए गए कुल 446.72 करोड़ में से, केवल मीडिया विज्ञापनों पर 78.91% खर्च किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि पैनल ने सिफारिश की है कि सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी मामलों के लिए नियोजित व्यय आवंटन पर भी ध्यान देना चाहिए

गौरतलब है कि साल 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद शोर से इस योजना की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से योजना का आगाज किया था। यह योजना महिला-बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।

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