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पंजशीर: एयर स्ट्राइक के नाम पर वीडियो गेम की क्लिप, न्यूज चैनलों में झूठ परोसने की होड़

वीडियो क्लिप का झूठ उजागर होने के बाद न्यूज चैनलों की हो रही किरकिरी।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) टीआरपी के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार भारतीय न्यूज चैनलों का एक नया कारनामा सामने आया है। देश के कुछ बड़े नेशनल चैनलों ने अफगानिस्तान में एयर स्ट्राइक के नाम पर वीडियो गेम की क्लिप दिखा दी। वीडियो क्लिप का झूठ उजागर होने के बाद न्यूज चैनलों की जमकर किरकिरी हो रही है।

रिपब्लिक टीवी, जीटीवी हिंदुस्तान और टाइम्स नाउ ने सोमवार को अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में एयर स्ट्राइक के फ़र्ज़ी वीडियो चलाये। न्यूज चैनलों ने इस वीडियो को तालिबान विरोधी मोर्चें पर पाकिस्तानी सेना की एयर स्ट्राइक का बताया। हकीकत यह थी कि रिपब्लिक टीवी और जीटीवी हिंदुस्तान ने एयर स्ट्राइक का जो फुटेज दिखाया वो एक वीडियो गेम की क्लिप थी, वही टाइम्स नाउ ने जो वीडियो दिखाया वो वेल्स में अमेरिकी फाइटर प्लेन का था।

रिपब्लिक टीवी और जीटीवी हिंदुस्तान ने वीडियो गेम की फुटेज को हस्ती टीवी से लिया गया था, जो यूके में संचालित एक अफगान चैनल कहा जाता है लेकिन दोनों चैनलों ने बिना जांचे ही इसे ऑन एयर किया साथ ही यह दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने तालिबान की मदद करने पंजशीर घाटी में एयर स्ट्राइक की है।

https://twitter.com/2jamielynn/status/1434969457735131143?s=20

बड़ी बात यह है कि वीडियो गेम का यही फुटेज न्यूज़ चैनल टीवी-9 भारतवर्ष एक साल पहले अमेरिका और अजरबैजान के बीच युद्ध का बताते हुए चला चुका है। वहीं टाइम्स नाउ के झूठ को तो यूके डिफेन्स जर्नल ने एक्सपोज़ किया। सोशल मीडिया पर वीडियो गेम को क्लिप को पाकिस्तानी एयर स्टाइक बताए जाने पर टीवी चैनलों की जमकर आलोचना हो रही है-

https://twitter.com/RAHULPAREEK11/status/1434913270092091392?s=20

इससे पहले भी कई बार न्यूज चैनलों पर इस तरह के फर्जी वीडियो चलाए जा चुके हैं और मामला केवल फर्जी वीडियो तक भी सीमित नहीं है। अधिकांश न्यूज चैनलों पर एकतरफा रिपोर्टिंग और पक्षपात के आरोप भी लगते ही रहते हैं। हाल ही में किसान महापंचायत की कवरेज के दौरान कई चैनलों के लाइव प्रसारण में ही गोदी मीडिया हाय हाय के नारे सुनाई दिए थे।

पक्षपात और एक तरफ़ा रिपोर्टिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने भी बीते सप्ताह चिंता जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मीडिया का एक वर्ग खबरों को सांप्रदायिक रंग देने में जुटा हुआ है। इससे देश का नाम खराब होता है। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा था कि ये केवल ताकतवरों की सुनते हैं, न कि जजों और संस्थानों की। इस देश में सब कुछ एक सांप्रदायिक एंगल से दिखाया जाता है। यह बहुत गंभीर समस्या है।

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