जानिए ! कौन हैं रेलवे बोर्ड के नए अध्यक्ष सुनीत शर्मा..

सुनीत शर्मा काम करने में आसानी और प्रशासनिक सुधारों के लिए जाने जाते हैं।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) सुनीत शर्मा ने शुक्रवार को भारतीय रेलवे के नए रेलवे बोर्ड अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और सरकार के पदेन प्रमुख सचिव के रूप में कार्यभार संभाल लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने गुरुवार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में शर्मा की नियुक्ति को मंजूरी दी थी।

इससे पहले, शर्मा ने सितंबर 2019 से पूर्वी रेलवे के महाप्रबंधक के रूप में काम किया था। शर्मा 1979 में एक विशेष श्रेणी के प्रशिक्षु के रूप में भारतीय रेलवे में शामिल हुए, जब वे आईआईटी कानपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। रेल मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक शर्मा को विभिन्न पदों पर भारतीय रेलवे में सेवा देने का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने ऑपरेशनल वर्किंग, डिपो और वर्कशॉप में काम किया है।

यह भी पढ़ें : उपचुनाव हारे तो चम्बल के इलाकों से वापस बुला ली सरकारी राशि

वह मुंबई में परेल वर्कशॉप के मुख्य कार्यशाला प्रबंधक थे, जहां वे पहाड़ी रेलवे के लिए नैरो गेज लोकोमोटिव बनाने में सहायक थे। मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, “2006 के मुंबई उपनगरीय ट्रेन विस्फोटों के दौरान, वह उस टीम का हिस्सा थे जिसने आतंकवादी हमले के कुछ घंटों बाद उपनगरीय नेटवर्क को ट्रैक पर रखा था।”

एडीआरएम, मुंबई सीएसटी के रूप में, उन्हें उपनगरीय नेटवर्क की सेवाओं को बढ़ाने का श्रेय दिया जाता है, जिसे मुंबई की जीवन-रेखा माना जाता है। अधिकारी ने कहा, “2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान, वह उस टीम का हिस्सा थे, जिसने मुंबई सीएसटी, मध्य रेलवे में हमलों के बाद प्रबंधन किया था।”

टीफ मैकेनिकल इंजीनियर डीजल लोकोमोटिव वर्क्‍स, वाराणसी के रूप में वे इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव उत्पादन शुरू करने के लिए एक टीम लीडर थे। डीजल से इलेक्ट्रिक इंजनों में कंवर्जन एक रिकॉर्ड समय में और दुनिया में कहीं भी पहली बार उनके नेतृत्व में हुआ। महाप्रबंधक मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली के रूप में, उन्होंने एक वर्ष में बहुत अधिक आवश्यक आधुनिक यात्री डिब्बों के आउट टर्न को दोगुना करके एक रिकॉर्ड कायम किया।

पूर्वी रेलवे के महाप्रबंधक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने मालगाड़ियों की गति को एक रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ाने और नई लाइनों और विद्युतीकरण की कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पहल की, जिसके परिणामस्वरूप न केवल परिचालन दक्षता बढ़ी बल्कि स्थानीय क्षेत्रों का विकास हुआ। वह काम करने में आसानी और प्रशासनिक सुधारों के लिए प्रणालीगत बदलाव लाने के लिए जाने जाते हैं।

अपने तीन दशक लंबे करियर में शर्मा ने कई पेशेवर पुरस्कार जीते हैं। महाप्रबंधक (आधुनिक कोच फैक्ट्री रायबरेली) और चीफ मैकेनिकल इंजीनियर (बनारस लोकोमोटिव वर्क्‍स) के रूप में, कारखानों ने सर्वश्रेष्ठ उत्पादन इकाइयों के लिए पुरस्कार जीता।

शर्मा ने जर्मनी और फ्रांस में पेशेवर प्रशिक्षण में भाग लिया और उन्होंने अमेरिका में कानेर्गी मेलन यूनिवर्सिटी में एक एडवांस लीडरशिप और मैनेजमेंट कोर्स किया है। उन्होंने लोकोमोटिव के निर्माण के लिए एक सलाहकार के रूप में ईरान का दौरा किया। वह एक शौकीन खिलाड़ी भी है और उन्होंने प्रतिस्पर्धी स्तरों पर बिलियर्डस और स्नूकर खेले हैं। उन्हें गोल्फ और बैडमिंटन और स्क्वैश खेलना भी पसंद है।
(इस खबर के इनपुट आईएएनएस से लिए गए हैं।)

Exit mobile version