जहांगीरपुरी: अब संसद-सुप्रीमकोर्ट पर भी चलवा दो बुल्डोजर
दिल्ली की जहांगीरपुरी में कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, सोशल मीडिया पर जबर्दस्त आक्रोश
Ashok Chaturvedi
नईदिल्ली (जोशहोश डेस्क) दिल्ली नगर निगम द्वारा जहांगीरपुरी में अतिक्रमण को बुलडोजर से गिराने की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। अदालत ने कल सुनवाई तक जहांगीरपुरी में यथास्थिति बरकरार रखे जाने का आदेश भी दिया। हालांकि आदेश के करीब दो घंटे बाद तक कार्रवाई चलती रही जिसमें सैकड़ों गरीबों की दुकान-मकान ध्वस्त कर दिए गए। कार्रवाई में पक्षपात के वीडियो भी वायरल हैं।
नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ बुधवार को वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे, कपिल सिब्बल, पीवी सुरेंद्रनाथ और प्रशांत भूषण ने अदालत में पक्ष रखा। वकीलों ने निगम की कार्रवाई को अवैध बताते हुए कहा कि लोगों को कोई नोटिस जारी किये बिना ही बुलडोजर भेज दिए गए हैं जो गलत है। इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। अब कल इस पर सुनवाई की जाएगी।
दूसरी ओर इस कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर आक्रोश देखा जा रहा है। दोपहर तक ट्विटर ट्रेंड में हैशटेग जहांगीरपुरी टॉप पर रहा। कार्रवाई को लेकर सरकार पर तीखे कमेंट भी किये गए-
सुनिए नरेंद्र मोदी
एक एक बुलडोज़र अब भारत की संसद और भारत के सुप्रीम कोर्ट पर भी चला ही दीजिए !
यह हिंदू राष्ट्र है। यहाँ हिंदू सरकार है। ऐसा संदेश या “सबक़” देने के लिए रमज़ान से अच्छा महीना क्या होगा, धर्म-निरपेक्ष भारतीय गणतंत्र में?#BulldozerRaj#NewIndiahttps://t.co/WMwFTGaUeN
वहीं सोशल मीडिया पर कार्रवाई का समर्थन भी देखा गया-
वोट बैंक की पॉलिटिक्स के चक्कर में बुलडोजर रुकवाने के लिए दौड़े दौड़े सुप्रीम कोर्ट जानेवालों ने जहांगीरपुरी के उसी वोट बैंक को और फंसा दिया है।अब कागज नहीं दिखाएंगे कहनेवालों को भी कोर्ट में इनक्रोचमेंट न करने के सबूत के तौर पर कागज दिखाने होंगे।फिर होगा खेला।वेल डन @AmitShah जी
अतिक्रमण ध्वस्त करना कब से संविधान ध्वस्त करना हो गया? क्या दुनिया का सबसे बेहतरीन संविधान अवैध निर्माण और अतिक्रमण को प्रश्रय देता है? भोपाल में ही कल 300 करोड़ रुपये मूल्य की 5 एकड़ सरकारी जमीन से हिंदुओं का अतिक्रमण हटाया गया। तब संविधान ध्वस्त न हुआ? #jahagirpuri#Bulldozerpic.twitter.com/IoXvodRpoO
कार्रवाई को लेकर सियासी बयानबाजी भी हो रही है। एक ओर भाजपा ने इसे कानून के तहत की गई कार्रवाई बता रही है वहीं विपक्ष ने इसे सरकार की तानाशाही करार दिया। माकपा नेता वंदा करात तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश लेकर खुद जहांगीरपुरी पहुँची और कार्रवाई को रोकने बुल्डोजर के सामने तक खड़ी हो गईं।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी एमसीडी की कार्रवाई पर सवाल उठाए। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी गरीबों के खिलाफ मुहिम चला रही है। कब्जे हटाने के नाम पर यूपी और एमपी में गरीबों के घर तोड़े जा रहे हैं। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि क्या जहांगीरपुरी के लोगों ने इस कायरता के लिए उन्हें वोट दिया था।
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि सवाल यह उठता है कि आखिर दंगाइयों और अवैध निर्माण को बचाने के लिए कौन लोग कोर्ट में गए? ये लोग उन दंगाइयों को बचाने कोर्ट गए जिन लोगों ने शोभायात्रा पर पथराव किया है और हिंसा फैलाई है।
गौरतलब है कि जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा पर पथराव के बाद हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद नगर निगम ने इलाके से अवैध कब्जे हटाने कार्रवाई का आदेश जारी किया था। दिल्ली एमसीडी की टीम ने बुधवार को सुबह से ही जहांगीरपुरी में अतिक्रमण गिराना शुरू कर दिया था। कार्रवाई से पहले बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी।