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IPS योगेश चौधरी: लोकल और मॉडर्न टेस्ट के मास्टर शेफ

स्थानीय-आधुनिक व्यंजनों को लेकर आईपीएस योगेश चौधरी के जुनून का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपना ब्लाॅग ही स्वाद को समर्पित कर रखा है।

भोपाल (जोश होश डेस्क) बात जब खाने पीने और स्वाद की हो तो आपको कई मास्टर शेफ टिप्स देते नजर आएंगे लेकिन अगर कोई तेजतर्रार आईपीएस आपको स्थानीय (LOCAL ) और आधुनिक (MODERN ) व्यंजनों की रेसिपी बताए और उन्हें बनाता दिखाई दे तो थोड़ा आश्चर्य होगा ही। जी हां मध्यप्रदेश के सीनियर आईपीएस योगेश चौधरी ‘कानून व्यवस्था’ के साथ ‘भोजन व्यवस्था’ के भी एक्सपर्ट हैं। स्थानीय और आधुनिक व्यंजनों को लेकर योगेश चौधरी के जुनून का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपना ब्लाॅग ही स्वाद को समर्पित कर रखा है।

‘योगी फूड टेल्स’ नाम के इस ब्लाॅग में योगेश चौधरी न केवल अलग अलग प्रकार की डिश के बारे में विस्तार से बताते हैं बल्कि उन्हें बनाने की विधि तक बताते हैं।

फोटो साभार- ब्लाॅग ‘योगी फूड टेल्स’

योगेश चौधरी प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बतौर आईपीएस तैनात रहे। ऐसे में अलग अलग इलाकों के खास व्यंजनों में उनकी दिलचस्पी अब एक जुनून का रूप ले चुकी है। अब वे खांटी देसी व्यंजनों से लेकर चाइनीज और इटैलियन डिशेश तक में पारंगत हो चुके हैं।

योगेश चौधरी का बचपन इंदौर के अग्रवाल नगर में बीता। जैन परिवार के सदस्य होने के नाते और खान-पान के लिए मशहूर मालवा में परवरिश के चलते बचपन से ही अलग-अलग स्वाद के प्रति उनकी जिज्ञासा और भी जाग्रत हुई। साथ ही यह समझ आया कि ‘जीने के लिए खाना’ नहीं बल्कि ‘खाने के लिए जीना’ ही उनकी जिंदगी का मूलमंत्र है।

काॅलेज लाइफ और दिल्ली आईआईटी के बाद भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के रूप में मध्यप्रदेश के अलग अलग हिस्सों में तैनाती के दौरान स्थानीय व्यंजनों के स्वाद उनकी जुबान पर ही नहीं बल्कि नहीं सिर चढ़कर बोलने लगा। यही कारण है कि उनके ब्लाॅग पर उज्जैन के समीप स्थित खाचरोद के रेवडी और चटपटे करोड़पति जैसे व्यंजन तक मौजूद हैं।

फोटो साभार- ब्लाॅग ‘योगी फूड टेल्स’

खाचरोद और वहां के स्थानीय व्यंजनों से अपना कनेक्शन बताते हुुए योगेश चौधरी ब्लाॅग में लिखते हैं कि खाचरौद से मेरा खास लगाव है। मेरा ननिहाल यहां है। मेरे पिता के बड़े भाई भी खाचरौद से हैं। बचपन से ही यहां आना-जाना बना रहा और यहां का स्वाद जुबान पर चढ़ गया। यहां की रेवडी और चटपटे करोड़पति मेरी जिंदगी से हमेशा के लिए जुड़ गए। ‘लोकल के लिए वोकल’ की थीम पर योगेश चौधरी इन्हें बनाने की विधि भी अपने ब्लाॅग में साझा करते हैं।

वहीं एक ब्लाॅग में योगेश चौधरी ने स्टफ कुल्चा के प्रति अपने जुनून को भी बताया है। उन्होंने लिखा कि जब कभी भी रेस्तरां में जाना होता तो स्टार्टर के बाद सबसे पहले मैं स्टफ कुल्चा ही आर्डर करता हूँ। उन्होंने लाॅकडाउन के दौरान वाकए का जिक्र करते हुए लिखा कि लंबे समय तक लाॅकडाउन के कारण रेस्तरां-माॅल बंद रहे। इस दौरान एक दिन मैंने घर में ही स्टफ कुल्चा बनाने का प्रयास किया।

प्रयास पहला था लेकिन इसके बाद भी नतीजा बहुत बेहतर था। मैंने अपने बनाए स्टफ कुल्चे की तस्वीरें अपनी माताजी को भेजीं, जिन्हें मैं दुनिया की सबसे बेहतर कुक मानता हूँ। उनको भी यकीन न था कि मैं ऐसा कुछ बना भी सकता हूं। फिर जब माता पिता का भोपाल आना हुआ तो मैंने एक बार फिर स्टफ कुल्चा बनाया।

फोटो साभार- ब्लाॅग ‘योगी फूड टेल्स’

दूसरा प्रयास और भी बेहतर रहा। मां को मेरा बनाया स्टफ कुल्चा बहुुत पसंद आया और मेरी खुशी इसमें थी कि जिन्होंने मुझे बनाया और खिलाया आज उन्हीं को मैंने कुल्चा बनाकर खिलाने का सौभाग्य पाया।

योगेश चौधरी के ब्लाॅग पर ऐसे एक नहीं कई किस्से हैं जिनमें स्वाद भी है और संवदेनाएं भी। चाहे वह अचार के स्वाद के साथ फ्लाइट इंस्ट्रक्टर नमित हों या सतविको कंपनी के गुड चना के प्रोडक्ट्स। योगेश चौधरी हर ब्लाॅग के साथ एक कुक और संवदेनशील इंसान के रूप में निखरते नज़र आते हैं।

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