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जनआक्रोश: धार्मिक उन्माद-झूठे राष्ट्रवाद का अंजाम भुगत रहा श्रीलंका

श्रीलंका की वर्तमान परिस्थिति के लिए राष्ट्रपति की कट्टर राजनीति को बताया जा रहा जिम्मेदार, सबक लिए जाने की कही जा रही बात

कोलंबो/ नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) श्रीलंका में जारी घनघोर आर्थिक संकट के बीच जनता का आक्रोश शनिवार को फूट पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे के आवास को घेरकर कब्जे में ले लिया। इसके बाद राजपक्षे के देश छोड़ भाग जाने की खबर है। प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े, लेकिन प्रदर्शनकारी डटे रहे।

सरकार से आक्रोशित हजारों प्रदर्शनकारी शनिवार को सड़कों पर उतर आये और देखते ही देखते राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे के आवास पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा हो गया। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में श्रीलंका के वीडियो वायरल हो रहे हैं।

इन वीडियो के लेकर जबर्दस्त प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही है। श्रीलंका की वर्तमान परिस्थिति के लिए राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे की कट्टर राजनीति को जिम्मेदार बताया जा रहा है। साथ ही यह भी कहा गया कि धार्मिक उन्माद और झूठा राष्ट्रवाद भड़का कर जब आप सत्ता हासिल करते हैं तो देर सवेर यही हश्र होता है। इस घटनाक्रम से सबक लिए जाने की बात भी की जा रही है-

इस बीच श्रीलंका के मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी इस्तीफ़ा दे दिया है। बदतर होते हालत के बीच श्रीलंका में 15 जुलाई तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। आपात स्थिति की वजह से 4 स्टेट यूनिवर्सिटी भी अस्थायी रूप से बंद बंद कर दिया है। इससे पहले श्रीलंकाई प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन में घुसने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और गोलियां चलाईं। प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प में दो पुलिस अधिकारियों सहित कम से कम 100 लोग घायल हो गए।

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