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तिरंगे से परहेज क्यों, क्या PM मोदी की भी नहीं सुनता RSS?

भाजपा के पितृ संगठन कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उसके शीर्ष पदाधिकारियों की डीपी से तिरंगा नदारद

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) हर-घर तिरंगा अभियान को गति देने केंद्र सरकार प्राण प्रण से जुटी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर अपनी डीपी में तिरंगा लगाने की अपील की है। इसके बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सभी बड़े नेताओं और मंत्रियों ने अपनी डीपी में तिरंगा लगाया है लेकिन भाजपा के पितृ संगठन कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उसके शीर्ष पदाधिकारियों की डीपी से अभी भी तिरंगा नदारद है।

सोशल मीडिया पर इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। साथ ही आरएसएस का इतिहास तक सामने लाया जा रहा है कि किस तरह संघ ने तिरंगे को आज़ादी के समय न सिर्फ अस्वीकार किया था बल्कि दशकों तक दूरी बनाकर रखी।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यहां तक लिखा कि- 52 साल तक तिरंगे का जिस संघ ने किया तिरस्कार, आज भी मोदी के फ़रमान को किया दरकिनार, आख़िर गोडसे के उपासकों को तिरंगा कैसे भाएगा?

दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी अपनी डीपी में तिरंगा लगाया है उनकी डीपी में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू हाथ में तिरंगा लिए नजर आ रहे हैं।

इस तस्वीर के साथ ही भाजपा और संघ को एक दिलचस्प चुनौती भी सोशल मीडिया पर दी जा रही है-

गौरतलब है कि आजादी का अमृत महोत्सव के लिए संस्कृति मंत्रालय ने ‘हर घर तिरंगा’ पहल शुरू की है। सरकार ने नागरिकों से 13 से 15 अगस्त तक अपने घरों पर गर्व से तिरंगा फहराने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 13 से 15 अगस्त के बीच अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर ‘हर घर तिरंगा’ आंदोलन को मजबूत करने का आग्रह किया है।

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