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व्यापमं सीरीज-2 में नया खुलासा,10 लाख में बढ़ रहे MP-TET के मार्क्स!

परीक्षार्थियों को अनजान नंबरों से आ रहे कॉल, मार्क्स बढ़वाने 5 लाख पहले और 5 लाख रिजल्ट के बाद देने का ऑफर।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (MP-TET) में फर्ज़ीवाड़े के लगातार खुलासे हो रहे हैं। पेपर के स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद अब एक परीक्षार्थी ने सनसनीखेज खुलासा किया है। परीक्षार्थी के मुताबिक उसे पर फोन पर 10 लाख रुपए में मार्क्स बढ़वाने का ऑफर मिला था। MP-TET के कुछ अन्य परीक्षार्थियों ने भी इसी तरह के अनजान नंबरों से कॉल आने की शिकायत की है।

व्यापमं (अब कर्मचारी चयन बोर्ड)) द्वारा आयोजित MPTET में शामिल हुए भोपाल के परीक्षार्थी सौरभ विश्वकर्मा का कहना है कि उसके पास परीक्षा में मार्क्स बढ़वाने के लिए अनजान नंबरों से कॉल आ रहे हैं। मार्क्स बढ़वाने के लिए कुल 10 लाख रुपये मांगे जा रहे हैं। इसमें 5 लाख पहले और शेष 5 लाख रिजल्ट के बाद देने का ऑफर दिया जा रहा है।

इस ऑफर को लेकर सौरभ विश्वकर्मा ने दैनिक भास्कर को जो बताया वो कुछ इस प्रकार है-

मेरा MPTET का पेपर 10 मार्च को हुआ था। मेरे 108 नंबर आए थे। आंसर शीट के लिए 25 मार्च का इंतजार कर रहे थे, ताकि परीक्षा में गलत उत्तर पर ऑब्जेक्शन लगाया जा सके। इसी दिन पता चला कि पेपर लीक हो गया है। किसने क्या किया, यह तो पता नहीं, लेकिन एक उम्मीदवार ने मोबाइल फोन पर पेपर का स्क्रीनशॉट शेयर किया। इसमें सभी प्रश्न वही थे, जो पेपर मैं देकर आया था। 25 मार्च को फर्स्ट शिफ्ट में हिंदी और अंग्रेजी के सभी प्रश्न वही थे, जो स्क्रीनशॉट में थे। मेरे पास भी एक कॉल आया। उसने पूछा कि परीक्षा दी थी। मैंने हां कह दिया। मैंने बताया मेरे 108 नंबर आए हैं। उसने कहा कि मार्क्स बढ़ाना है, तो 5 लाख रुपए अभी दे दो। रिजल्ट जब आएगा, तो उसके बाद 5 लाख रुपए और दे देना। यह पीईबी में हो रहा है। इसकी सीबीआई से जांच होना चाहिए। लंबे समय बाद भर्ती हो रही है। उसमें भी फर्जीवाड़ा चल रहा है। ऐसे में युवाओं के भविष्य का क्या होगा।

इधर मध्यप्रदेश टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (MP-TET) पेपर लीक और MP पुलिस भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े की खबर से शिवराज सरकार लगातार सवालों के घेरे में आ रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने इसे मध्यप्रदेश में व्यापम पार्ट 2 करार दिया है। कमलनाथ ने कहा कि व्यापम का नाम जरूर बदल दिया है लेकिन उसमें घोटाले का काम अभी जारी है।

प्रदेश कांग्रेस महामंत्री व मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने भी MP-TET पेपर लीक पर सवाल उठाया था कि जिस कम्पनी को केंद्र सरकार ने ही अयोग्य माना,उसे शिक्षक वर्ग-3 परीक्षा कराने का ठेका क्यों मिला, किसने दिलवाया? उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मामले की जांच की मांग की है?

इससे पहले प्रदेश केके मिश्रा ने MP-TET पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री के मौजूदा ओएसडी लक्ष्मणसिंह मरकाम पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। केके मिश्रा का कहना है कि जब परीक्षा ऑनलाइन हो रही है और इसमें मोबाइल फ़ोन पूरी तरह वर्जित है तो मुख्यमंत्री के पदस्थ मौजूदा ओएसडी लक्ष्मणसिंह मरकाम के मोबाइल पर 25 मार्च को सम्पन्न 35 पृष्ठीय प्रश्नपत्र और आंसरशीट कैसे पहुँची? केके मिश्रा ने लक्ष्मणसिंह का मोबाइल जब्त कर निष्पक्ष जांच की मांग भी की है।

वहीं पेपर लीक के आरोपों के बाद लक्ष्मण सिंह मरकाम ने अजाक थाना भोपाल में कांग्रेस नेता केके मिश्रा, व्यापमं कांड के व्हिसिल ब्लोअर डाॅ. आनंद राय के खिलाफ केस दर्ज कराया है। लक्ष्मण सिंह का कहना है कि केके मिश्रा और आनंद राय ने सोशल मीडिया के जरिए उनकी छवि धूमिल किया है। लक्ष्मण सिंह की शिकायत पर एट्रोसिटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। केस को अब क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है। क्राइम ब्रांच ने केके मिश्रा और डाॅ. आनंद राय को नोटिस जारी कर पक्ष रखने को कहा है।

वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने MP-TET पेपर लीक में सरकार का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कूट रचित स्क्रीनशॉट दिखाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ओएसडी लक्ष्मण सिंह मरकाम पर कीचड़ उछाला जा रहा है। इधर स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने भी परीक्षा में किसी भी तरह की धांधली से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सबकुछ नियम अनुसार हो रहा है और परीक्षा निरस्त नहीं की जाएगी। सोमवार को परीक्षार्थियों ने कर्मचारी चयन बोर्ड के सामने प्रदर्शन कर परीक्षा निरस्त करने को लेकर प्रदर्शन भी किया था।

इससे पहले ग्वालियर के मदन मोहन दौहरे नाम के परीक्षार्थी ने MP-TET (मध्यप्रदेश टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) ने पेपर लीक का दावा करते हुए परीक्षा में फर्ज़ीवाड़े का आरोप लगाया था। मदन मोहन का कहना था कि जब वह परीक्षा देकर लौट रहा था तब उसने एक व्यक्ति के मोबाइल में MP-TET पूरा पेपर देखा था। मदन मोहन का कहना था कि मोबाइल में उसने जो पेपर देखा वह परीक्षा में आये पेपर से पूरी तरह मिल रहा था जबकि सेंटर से पेपर बाहर लाया ही नहीं जा सकता। मदन मोहन ने मोबाइल में पेपर के स्क्रीनशॉट को सीएम शिवराज सिंह चौहान को टैग कर ट्वीट कर सवाल भी उठाये थे। उसने लिखा था कि- यह क्या हो रहा है? क्या इसी प्रकार सभी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा होता रहेगा। बेरोजगारों की प्रतिभा का ऐसे ही हनन होता रहेगा।

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