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चुनाव आयोग से सवाल, क्या सारे नियम-कानून विपक्ष के लिए हैं?

अमरोहा के भाजपा विधायक महेंद्र खडगवंशी का जुलूस निकालते हुए वीडियो वायरल। केंद्रीय चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठा सवाल।

लखनऊ (जोशहोश डेस्क) पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। इस बार उत्तरप्रदेश के अमरोहा में भाजपा विधायक द्वारा आचार संहिता और कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन के बाद फिर यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या सारे नियम कानून केवल विपक्ष के लिए हैं?

अमरोहा के भाजपा विधायक महेंद्र खडगवंशी का जुलूस निकालते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसमें विधायक बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे हैं। वीडियो वायरल होते ही चुनाव आयोग से इस मामले में कार्रवाई की मांग की जा रही है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लिखा-सपा के कार्यक्रम-कार्यालय पर पूरी पाबंदी और गाड़ियों के चालान भी लेकिन ‘कुछ दिनों के बाकी बचे मुख्यमंत्री’ व अमरोहा के भाजपा प्रत्याशी आचार संहिता और कोरोना गाइडलाइन्स का सरेआम मज़ाक़ उड़ा रहे हैं।
‘निर्वाचन-न्याय’ को सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का परम-धर्म है!

कांग्रेस सोशल मीडिया की राष्ट्रीय संयोजक रुचिरा चतुर्वेदी ने भी वीडियो ट्वीट कर सवाल उठाया- क्या सारे नियम.कानून विपक्ष के लिए हैं?

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनाव आयोग ने रैली पर रोक लगा रखी है। आयोग ने राज्यों को कोविड और आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन कराने का निर्देश भी दिया है। आयोग ने राजनीतिक दलों को इंडोर मीटिंग के लिए 300 लोग अधिकतम या हाल की 50 प्रतिशत कैपिसिटी तक छूट दी है।

हाल ही में समाजवादी पार्टी मुख्यालय पर आयोजित वर्चुअल रैली के मामले में चुनाव आयोग ने नोटिस जारी 24 घंटे के अंदर जवाब माँगा है। चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई नोटिस के मुताबिक सपा ने आदर्श आचार संहिता और कोविड गाइड लाइन का उल्लंखन किया है। नोटिस के इसके बाद लखनऊ पुलिस द्वारा सपा के करीब 2500 कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज की गई थी।

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