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गुजरात मोदी लहर पर सवार, हिमाचल में रंग लाई प्रियंका की मेहनत

गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, हिमाचल में पांच साल में सरकार बदलने का रिवाज कायम

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव परिणामों की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी रिकॉर्ड बहुमत की ओर है। वहीं हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस अब भाजपा को सत्ता से बेदखल करती नजर आ रही है।

गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सातवी बार सत्ता तक पहुंच गई है। भाजपा यहां 158 सीटों पर कब्जा करती नजर आ रही है। वहीं कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक दिखाई दे रहा है। आम आदमी पार्टी भी खाता खोलती दिख रही है वहीं कांग्रेस के बड़े वोट शेयर में भी आप ने सेंध लगा दी है।

दूसरी ओर हिमाचल में पांच साल में सरकार बदलने का रिवाज इस बार भी कायम दिखा। मतदाताओं ने भाजपा की सत्ता को नकारते हुए कांग्रेस का हाथ थाम लिया। हिमाचल में कांग्रेस 39 सीटों पर जीत दर्ज करती और भाजपा 26 सीटों पर सिमटती दिख रही है।

हिमाचल में कांग्रेस की जीत में प्रियंका गांधी की भूमिका अहम बताई जा रही है। कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी ने पूरे चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथ रखी और पूरे राज्य में रैलियों के माध्यम से भाजपा की नीतियों के खिलाफ प्रचार किया।

प्रियंका ने हिमाचल की जनता को कांग्रेस के पक्ष में करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। एक ओर सोनिया गांधी सेहत की वजह से प्रचार से दूर रहीं वहीं राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त रहे, ऐसे में हिमाचल के मोर्चे को प्रियंका ने अकेले ही अपने दम पर संभाला।

हिमाचल में उपचुनाव में मिली जीत के बाद बने मोमेंटम को बरकरार रखते हुए प्रियंका ने पार्टी में समन्वय के साथ ओल्ड पेंशन स्कीम, सेब की खेती जैसे स्थानीय मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ने की रणनीति अपनाई। प्रियंका ने मंहगाई जैसे मुद्दों से महिला वोटर्स को भी रिझाया जबकि महिलाओं को बीजेपी का कोर वोटर माना जा रहा था।

इस बार चुनावी माहौल में जो बड़ा परिवर्तन दिखा वह भाजपा की गुटबाजी और कांग्रेस की एकजुटता थी। आमतौर पर कांग्रेस को गुटबाजी के लिए जाना जाता है लेकिन इस बार हिमाचल मे कांग्रेस एकजुट नजर आई जिसके पीछे कारण भी प्रियंका गांधी को बताया जा रहा है।

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