क्या सिंधिया समर्थकों विधायकों के लिए ‘रेड अलर्ट’ है कर्नाटक के नतीजे?

कर्नाटक में पाला बदलने वाले कांग्रेस के 17 विधायकों में से 12 को मिली शिकस्त

भोपाल (जोश होश डेस्क) कर्नाटक में कांग्रेस ने प्रचंड जीत हासिल की है। राज्य की जनता ने भाजपा को बड़ा झटका देकर सत्ता कांग्रेस के हाथ में दे दी है। हिमाचल के बाद कर्नाटक में कांग्रेस को मिली जीत से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। वहीं अब कर्नाटक में कांग्रेस की जीत का अगले चुनावी राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में असर को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं।

कांग्रेस की जीत के बाद मध्यप्रदेश की सियासत में भी जबर्दस्त हलचल है। एक ओर कांग्रेस खेमे में जीत का उत्साह है। वहीं सत्ताधारी भाजपा सकते में है। कहा तो यहां तक जाने लगा है कि कर्नाटक नतीजों से सबक लेकर भाजपा आलाकमान मध्यप्रदेश सत्ता-संगठन में बड़े फेरबदल भी कर सकता है। दूसरी ओर कर्नाटक नतीजों ने सबसे ज्यादा टेंशन तो दलबदल कर सत्ता सुख भोग रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों को दे दी है।

दरअसल कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिरा भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के 17 विधायकों में से 12 को हार का सामना करना है। इन दलबदलू विधायकों को राज्य की जनता ने चुनाव में करारा सबक सिखाया है।

कर्नाटक की तर्ज़ पर ही मध्यप्रदेश में भी ज्योतिदित्य सिंधिया के साथ 19 विधायकों में पालाबदल बदल लिया था। जब प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव हुआ था तब सिंधिया के 19 समर्थक विधायक भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे। इनमे से 6 विधायकों को तो जनता ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में ही नकार कर सबक सिखा दिया था। वहीं 13 विधायक दोबारा जीत कर सत्ता के साथ हो लिए थे।

अब प्रदेश के वर्तमान सियासी परिदृश्य में सबसे ज़्यादा मुश्किलें सिंधिया समर्थक विधायक-मंत्रियों के सामने ही दिखाई दे रही है। इन्हें दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर जनता में इनके ख़िलाफ़ नकारात्मक माहौल है वहीं भाजपा में भी सिंधिया समर्थक विधायकों के लिए सहजता दिखाई नहीं दे रही है। पार्टी फ़ोरम पर भी सिंधिया समर्थकों को लेकर असंतोष सार्वजनिक रूप से मुखर हो रहा है।

ऐसे में सिंथिया समर्थक विधायकों के लिए इस बार चुनावी राह बहुत मुश्किल साबित होने वाली है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने भी अपने समर्थक विधायकों का भविष्य को बचाने का बड़ा चैलेंज है। अब कर्नाटक के नतीजों ने यह बता दिया है कि जनता भी दलबदल कर सत्ता सुख भोगने वाले विधायकों को सबक़ सिखाने के मूड में है। ऐसे में कर्नाटक के नतीजे सिंधिया समर्थक विधायकों के लिए भी ख़तरे की घंटी बनते दिखाई दे रहे हैं।

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