नीतीश की ‘तेजस्वी’ सरकार, बिहार में BJP का MP-महाराष्ट्र मॉडल फेल

नीतीश का RJD के साथ सरकार बनाने का दावा पेश, भाजपा के मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र फॉर्मूले को फेल कर दिया बड़ा झटका।

पटना (जोशहोश डेस्क) बिहार की सियासत में नीतीश कुमार ने भाजपा के मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र फॉर्मूले को फेल कर बड़ा झटका दिया है। मंगलवार को नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ ब्रेकअप का ऐलान कर राजद के साथ सरकार बनाने का दावा पेशकर दिया।

मंगलवार को शाम 4 बजे नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंपा, साथ ही तुरंत ही नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। नीतीश ने राज्यपाल को 160 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी भी सौंप दी। इसके बाद उन्हें राबड़ी देवी के आवास पर महागठबंधन का नेता चुन लिया गया।

कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने उनके और JDU के खिलाफ चल रही साजिश को समय रहते पहचान लिया। भाजपा के मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में अपनाये गए मॉडल की तर्ज़ पर आरसीपी सिंह को मोहरा बनाये जाने की भनक लगते ही नीतीश सतर्क हो गए और आरसीपी सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा भाजपा के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

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एक रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश का ऑपरेशन भी तीन महीने पहले शुरू तब हुआ था जब जेडीयू के एक नेता के पास भाजपा की ओर से कॉल आया था। भाजपा नेता ने जेडीयू नेता को यह खबर दी थी कि आरसीपी सिंह के पास 32 विधायकों का समर्थन है। तभी से जेडीयू में खलबली मच गई थी। नीतीश ने जब अपने खुफिया नेटवर्क को सक्रिय किया तो जेडीयू इस नतीजे पर पहुंच गई कि आरसीपी वाकई में पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जेडीयू को यह भी साफ हुआ कि आरसीपी सिंह इस खेल के एक मोहरा बस थे।

इसके बाद नीतीश की केंद्र से नाराजगी साफ़ दिखाई देने लगी। नाराज नीतीश 17 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में तिरंगे को लेकर देश के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक में नहीं गए, 22 जुलाई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई भोज में शामिल नहीं हुए, 25 जुलाई को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी नहीं पहुंचे ओर न ही प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए।

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