राहुल गांधी ने अंबाला से चंडीगढ़ तक की ट्रक यात्रा, सुनी ड्राइवरों के ‘मन की बात’

राहुल ने अंबाला से चंडीगढ़ तक करीब 50 किमी का सफर ट्रक में किया तय, ड्राइवर के पास बैठे आये नज़र

अम्बाला (जोशहोश डेस्क) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार रात अंबाला से चंडीगढ़ का 50 किमी ट्रक के सवारी की। इस बीच राहुल गांधी ने ट्रक ड्राइवर्स से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना। राहुल गांधी की यह ट्रक यात्रा उनके शिमला जाने के दौरान हुई।

बताया जा रहा है कि राहुल गांधी शिमला में सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे हैं। सोनिया इन दिनों शिमला में प्रियंका गांधी के फार्म हाउस में रह रही हैं। कर्नाटक चुनाव के बाद सोनिया और प्रियंका 12 मई को यहां आ गई थीं। इस्सके बाद सोनिया यहीं हैं जबकि प्रियंका गांधी कर्नाटक में शपथ ग्रहण में शामिल होने के बाद दोबारा यहाँ लौट आईं हैं।

राहुल गांधी भी सोनिया गांधी से मिलने शिमला पहुंचे हैं। इस बीच राहुल ने अंबाला से चंडीगढ़ तक करीब 50 किमी का सफर ट्रक में तय किया। वे इस दौरान ड्राइवर के पास बैठे नज़र आये और एक स्थान पर उन्होंने ट्रक ड्राइवरों से लम्बी बातचीत भी की।

कांग्रेस ने राहुल गांधी के ट्रक यात्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। कांग्रेस ने लिखा कि जननायक राहुल गांधी ट्रक ड्राइवर्स की समस्या जानने उनके बीच पहुंचे।राहुल जी ने उनके साथ दिल्ली से चंडीगढ़ तक का सफर किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की सड़कों पर करीब 90 लाख ट्रक ड्राइवर्स हैं। इनकी अपनी समस्याएं हैं। इनके ‘मन की बात’ सुनने का काम राहुल जी ने किया।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी सोशल मीडिया पर इसका वीडियो शेयर किया है। उन्होंने लिखा-अलग ही शख़्स हैं – राहुल गांधी। आज वो इस देश में आम जनता और सरकार के बीच में बढ़ती खाई को ख़त्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। फिर इस गर्मी में रात भर ट्रक चालकों के साथ बैठ उनकी समस्या सुनना या ट्रक में सफ़र करना ही क्यों ना हो। ऐसे ही थोड़े ही लोगों में बेहतर भविष्य की उम्मीद जग गई है!

एक अन्य ट्वीट में सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा- ‘यूनिवर्सिटी के छात्रों से, खिलाड़ियों से, सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे युवाओं से, किसानों से , डिलीवरी पार्टनरों से, बस में आम नागरिकों से और अब आधी रात को ट्रक के ड्राइवर से आखिर क्यों मुलाकात कर रहे हैं राहुल गांधी? क्योंकि वो इस देश लोगों की बात सुनना चाहते हैं, उनकी चुनौतियों और परेशानियों को समझना चाहते हैं।” उनको ऐसा करते देख एक विश्वास सा झलकता है, कोई तो है जो लोगों के साथ खड़ा है, कोई तो है जो उनके बेहतर कल के लिए किसी भी तरह की कुर्बानी देने को तैयार है। कोई तो है जो नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा है। धीरे-धीरे यह एहसास हो रहा है कि यह देश लौट जाना चाहता है मोहब्बत और अमन के रास्ते पर, धीरे से यह देश आखिर चल ही पड़ा है राहुल गांधी के साथ।’

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