गुजरात निकाय चुनाव: क्यों वोटिंग के दिन टेंशन में BJP, दिग्गजों को लगाने पड़ गए फोन?

भाजपा के गढ़ कहे जाने वाले गुजरात के छह नगर निगमों में जिस तरह मतदान को लेकर जनता की बेरुखी सामने आई उसने भाजपा की टेंशन बढ़ा दी।

अहमदाबाद (जोशहोश डेस्क) गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण में रविवार को मतदान हुआ। भाजपा के गढ़ कहे जाने वाले गुजरात के छह नगर निगमों में जिस तरह मतदान को लेकर जनता की बेरुखी सामने आई उसने भाजपा की टेंशन बढ़ा दी। बताया जा रहा है कि आनन फानन में भाजपा सांसदों और विधायकों को फोन लगाकर सक्रिय किया गया। गृहमंत्री अमित शाह द्वारा भी अहमदाबाद में चार घंटे तक मतदान की माॅनिटरिंग किए जाने की खबर है।

राज्य के अहमदाबाद, बडोदरा, सूरत, जामनगर, भावनगर और राजकोट नगर निगम के लिए रविवार को सुबह मतदान प्रारंभ हुआ। निकाय चुनाव में मतदान के लिए अमित शाह स्वयं मतदान के लिए अहमदाबाद पहुंचे। जहां परिवार समेत उन्होंने वोट डाला। दोपहर 4 बजे तक महज 30 से 35 प्रतिशत वोटिंग देख भाजपाई खेमे में टेंशन का माहौल बन गया।

बताया जा रहा है कि इसके बाद सांसदों विधायकों और स्थानीय नेताओं को फोन कर मतदान प्रतिशत बढ़ाने को कहा गया है। गुजरात के ये सभी नगर निगम लंबे समय से भाजपा के कब्जे में हैं और इन पर कब्जा बरकरार रखना पार्टी के लिए चुनौती है।

इस बार भी भाजपा का मुख्य मुकाबला कांग्रेस से है। हालांकि स्थानीय निकाय के चुनाव में पहली बार उतर रही आम आदमी पार्टी को भी समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है।

कोरोना निगेटिव हुए रुपाणी
दूसरी ओर वोटिंग वाले दिन भाजपा के लिए अच्छी खबर भी आई। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई। वे 15 फरवरी कोे निकाय चुनाव के लिए सभा को संबोधित करते हुए बेहोश हो गए थे। तब जांच के बाद उनकी रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव आई थी। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद विजय रुपाणी के पीपीई किट में मतदान किए जाने की भी खबर है।

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