मोदीमय गुजरात, पीर पराई तो दूर न इसे बलात्कार परेशान करता न बलात्कारी

गुजरात चुनाव के परिणाम को एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत जीत बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जनादेश पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।

गांधीनगर (जोशहोश डेस्क) गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड जीत के साथ सातवीं बार सरकार बनाने जा रही है। गांधी और सरदार पटेल के गुजरात में 156 सीट पर जीत भाजपा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस जीत को एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत जीत बताया जा रहा है, वहीं गुजरात के जनादेश पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।

गुजरात में भाजपा की जीत को इसलिए भी खास बताया जा रहा है कि क्योंकि साल 2002 में हुए दंगों के बाद हुए जबर्दस्त ध्रुवीकरण में भी भाजपा इतनी सीट हासिल नहीं कर पाई थी। वहीं चुनाव से ठीक पहले गुजराज में मुख्यमंत्री विजय रुपानी समेत पूरे मंत्रिमंडल को बदल दिया गया था। इसके बाद भी प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसे के रूप में भाजपा को इतना बड़ा बहुमत मिला है।

चुनाव से ठीक पहले बिलकिस बानो के बलात्कारियों की रिहाई भी चर्चाओं में थी। चुनाव से ठीक पहले मोरबी पुल हादसे में 135 लोगों की मौत भी हुई। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों के बीच मतदान के प्रति भी जनता में उदासीनता दिखी और मतदान में पांच प्रतिशत तक की कमी देखी गई लेकिन इन सबके के बाद भी भाजपा को 156 सीटों पर जीत हासिल हुई है।

इस जीत को एक और प्रधानमंत्री की गुजरात की जनता में सर्वस्वीकार्यता बताया जा रहा है। साथ ही यह कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात और गुजरात की जनता से उनके जुड़ाव की यह बानगी है और यह कहा जा रहा है कि गुजरात अब पूरी तरह मोदीमय है-

दूसरी ओर इस चुनाव में बिलकिस बानो के बलात्कारियों को ‘संस्कारी’ बताने वाले BJP नेता सीके राउलजी भी जीत गए वहीं नरोदा पाटिया दंगों के दोषी मनोज कुलकर्णी की बेटी पायल कुलकर्णी ने भी 83,515 वोटों से नरोदा सीट जीती। साथ ही मोरबी की भी तीनों विधानसभा सीट पर भाजपा ने जीत दर की। ऐसे में गांधी-पटेल के गुजरात के जनमानस को लेकर भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आईं-

गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 156, कांग्रेस ने 17, आप ने पांच और अन्य ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है। जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भाजपा का बढ़ता जनसमर्थन दिखाता है कि परिवारवाद के खिलाफ जनआक्रोश लगातार बढ़ रहा है। यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक शुभ संकेत है। मैंने गुजरात के भाई बहनों से कहा था कि इस बार नरेंद्र का रिकॉर्ड टूटना चाहिए। मैंने वादा किया था कि भूपेेंद्र नरेंद्र का रिकॉर्ड तोड़े इसलिए नरेंद्र जी जान से मेहनत करेगा। गुजरात की जनता ने तो रिकॉर्ड तोड़ने में भी रिकॉर्ड कर दिया। उसे गुजरात की स्थापना से लेकर अब तक सारे रिकॉर्ड तोड़ दिया।

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