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भोपाल में लगे नारे- ‘जब कमल का बटन दबाओगे, तो ऐसी सड़कें पाओगे’

सड़कों की जर्जर हालत के विरोध में युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) राजधानी भोपाल की सड़कों का हाल बेहाल है। भोपाल की सड़कों पर चलना तक दूभर हो रहा है। नए और पुराने भोपाल दोनों में ही कमोबेश एक जैसे हालात हैं। सड़कों की जर्जर हालत के विरोध में युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने करोद चौराहे पर विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की।

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ‘जब 500 में बिक जाओगे तो ऐसी सड़कें पाओगे’, ‘जब कमल का बटन दबाओगे तो ऐसी सड़कें पाओगे ‘, ‘जब भाजपा को जितवाओगे तो ऐसी सड़कें पाओगे’ के नारे लगाए।

इससे पहले भारत टाॅकीज रोड की तस्वीर भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुई थी। यहां भी गड्डों के बीच सड़क तलाशना ही मुश्किल था। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने भी इस सड़क की तस्वीर को सोशल मीडिया में शेयर करते हुए सरकार पर सवाल उठाए थे।

तस्वीर वायरल होने पर स्थानीय प्रशासन ने सड़क पर रेस्टोरेशन करते हुए बजरी डाल दी है। इस बजरी से हुई कीचड ने वाहन चालकों की मुसीबत को और भी बढ़ा दिया है। अब यहां कीचड के कारण वाहन फिसल रहे हैं। जबकि यह सड़क पुराने शहर की यह व्यस्ततम सड़कों में एक है।

कुछ ऐसे ही ऐसे ही हालत सुभाष नगर, गोविंदपुरा, अयोध्या बायपास , कोलार रोड. बावड़िया और बैरागढ़ में भी दिखाई दे रही है। शहर में चल रहे सीवेज और कोलार पाइप लाइन के काम के लिए सड़के तो खोद तो दी गई हैं लेकिन उनका रिस्टोरेशन नहीं किया गया है। नतीजा यह हुआ कि बारिश के चलते अब इन सड़कों पर चलना तक मुश्किल हो गया है।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल में हर साल वाहन चालक करीब 250 करोड रुपये रोड टैक्स जमा करते हैं। इसके बाद भी शहर की सड़कें बदहाल हैं। राजधानी में करीब 3900 किलोमीटर सड़क नगर निगम की है। वहीं लोक निर्माण विभाग की 531 किमी सड़क है। बीडीए और सीपीए के पास करीब 200 किलोमीटर की सड़कें हैं।

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