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PM मोदी के सामने रीवा में ‘फ्लॉप शो’, आलाकमान गंभीर-गिरेगी गाज?

पंचायत राज दिवस के कार्यक्रम में नहीं जुटी अपेक्षित भीड़, राजनीतिक और प्रशासनिक नाकामयाबी से नाराजगी की खबर

रीवा (जोशहोश डेस्क) पंचायत राज दिवस पर रीवा में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के बाद प्रदेश के सियासी जगत में सुगबुगाहटों का दौर शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि सभा स्थल में अपेक्षित भीड़ न जुट पाने को भाजपा आलाकमान ने गंभीरता से लिया है और इसकी गाज राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर गिरना तय माना जा रहा है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ कार्यक्रम में भाजपा पदाधिकारियों को दो लाख से अधिक भीड़ का अनुमान था। इसके बावजूद महज लगभग 50 हजार लोग ही सभा स्थल में पहुंच सके। यही नहीं प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान ही बड़ी संख्या में लोग वापस जाते दिखाई दिए। इस पूरे घटनाक्रम से भाजपा हाईकमान नाराज बताया जा रहा है।

आयोजन के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी व्यापक तैयारियां की गई थीं। संभाग के हर जिले से भीड़ जुटाने का टारगेट तय किया गया था और जिम्मेदारी भी तय की गई थी इसके बाद भी कार्यक्रम में भीड़ नहीं जुटने को प्रशासनिक अधिकारियों की नाकामयाबी के रूप में भी देखा जा रहा है। कुछ अधिकारियों पर गाज गिरने की भी बात कही जा रही है।

बड़ी बात यह है कि रीवा जिले की सभी विधानसभा सीटों पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है। ऐसे में हर विधानसभा क्षेत्र से भी जिस तरह की संख्या कार्यक्रम में नज़र आनी थी वह नहीं दिखी। सीधे तौर पर स्थानीय विधायकों को इसका जिम्मेदार माना जा रहा है। इस बात को विधायकों के प्रति स्थानीय स्तर पर नाराज़गी का प्रमाण भी माना जा रहा है। यही कारण है कि भाजपा के संगठन में भी बड़े फेरबदल की अटकलें बलवती हो गई हैं।

अहम यह भी यह है कि पंचायती राज दिवस का यह कार्यक्रम भी पहले भोपाल में आयोजित होना था लेकिन विंध्य में पार्टी के बिगड़ते समीकरणों को देखते हुए कार्यक्रम को रीवा में रखने का निर्णय हुआ था। इसका कारण साफ़ था कि बीते चुनाव में विंध्य की कुल 30 सीटों में से 24 सीटें BJP की झोली में आई थी लेकिन नगर निगम के चुनाव में भाजपा को यहाँ बड़ा झटका लगा था। रीवा, सिंगरौली और कटनी में भाजपा को महापौर के चुनाव में हार मिली थी। रीवा में तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा दो सभाएं करने के बाद भी कांग्रेस के अजय मिश्रा महापौर चुने गए थे। अब तक के सियासी हाल भी ये बता रहे हैं कि विंध्य में इस बार भाजपा और कांग्रेस में कांटे का मुकाबला हो सकता है। जिसके चलते भाजपा आलाकमान विंध्य को लेकर बेहद सतर्क बताया जा रहा है।

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