MP

इंदौर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मारा-मारी, दवा बाजार में लगी लाइन

प्रदेश में कोरोना की रफ्तार बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर मारा-मारी शुरू हो गई है।

इंदौर (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में कोरोना की रफ्तार बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर मारा-मारी शुरू हो गई है। इंदौर में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए हाहाकार मचा हुआ है। कंपनियों ने अक्टूबर से फरवरी के बीच केस घटने की वजह से इसका प्रोडेक्शन घटा दिया था। लेकिन अब कोरोना संक्रमण फिर से घातक हो गया है। ऐसे में कंपनियां 24 घंटे प्रोडक्शन के बाद भी डिमांड पूरी नहीं कर पा रही हैं।

बता दें कि 25 मार्च के बाद से तेजी से रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ी है। सबसे ज्यादा जरूरत पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में है। जानकारी के अनुसार कंपनियों ने 3 अप्रैल से प्रोडक्शन तेज कर दिया है। अनुमान है कि 10 अप्रैल तक सप्लाई सामान्य हो सकती है।

मांग बढ़ने के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। इसे रोकने के लिए इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने आदेश दिया है कि इंजेक्शन को आधार और फोटो आईडी देख के ही दी जाएगी। वहीं पॉजिटिव रिपोर्ट भी दिखानी होगी और डॉक्टर की सिफारिश की पर्ची भी जरूरी होगी। ड्रग इंस्पेक्टर इसकी लगातार मॉनीटरिंग करेंगे कि नियमानुसार सप्लाई हो रही है या नहीं।

मेडिकल स्टोर में लगे – रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं है के पोस्टर

प्रदेश में इसकी सबसे ज्यादा मांग इंदौर शहर में है। यहां रोजाना 700 मरीज आ रहे हैं। संक्रमण दर भी 16 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इंदौर में रोजाना पांच से छह हजार इंजेक्शन की डिमांड है। ऐसे में मेडिकल स्टोर में भी इंजेक्श उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।

दवा कंपनी के होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर के अनुसार देश में रोजाना पांच कंपनियों में मिलकर अभी 90 हजार इंजेक्शन बन रही हैं। जबकि देश में रोजाना नौ से 10 लाख इंजेक्शन की डिमांड पहुंच गई है।

Back to top button