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क्या मध्यप्रदेश सरकार राकेश टिकैत को गिरफ्तार करने की सोच रही है?

सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि राकेश टिकैत के खिलाफ मध्यप्रदेश में एक वारंट जारी हो चुका है।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा राकेश टिकैत हैं। सोमवार को राकेश टिकैत मध्यप्रदेश के श्योपुर में किसानों के प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं। रीवा और जबलपुर में भी किसान आंदोलन के समर्थन में उनकी सभाओं की तारीख तय हो चुकी है। इसके बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या राकेश टिकैत को मध्यप्रदेश सरकार गिरफ्तार करने का सोच रही है।

सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि राकेश टिकैत के खिलाफ मध्यप्रदेश में एक वारंट जारी हो चुका है। यह वारंट साल 2011 में अनूपपुर जिले के जैथारी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में जारी हुआ है।

अनूपपुर में किसानों के प्रदर्शन में राकेश टिकैत शामिल थे। ये प्रदर्शन हिंसक हो गया था। जिसके बाद पुलिस के वाहनों में आग लगा दी गई थी और कई पुलिसकर्मी इस दौरान घायल भी हो गए थे। हिंसा के बाद राकेश टिकैत समेत करीब 100 लोगों पर प्रकरण दर्ज हुआ था।

अब आंदोलन के चलते मध्यप्रदेश सरकार राज्य में किसानों के प्रदर्शन और उसमें शामिल होने वाले नेताओं पर पैनी नजर रख रही है। ऐसे में सरकार किसान नेताओं को लेकर सख्त रवैया अपना सकती है।

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश संयोजक अनिल यादव के मुताबिक प्रदेश में किसान शान्तिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। अनिल यादव ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार किसानों के प्रदर्शन को रोकने का प्रयास करती है तो ये किसानों को भड़काने जैसा होगा। जिसके बाद स्थिति हमारे नियंत्रण में नहीं होगी। हमारे नेता भी कोई पहली बार मध्यप्रदेश नहीं आ रहे हैं। वे पहले भी राज्य में किसानों के प्रदर्शन में शामिल हो चुके हैं।

दूसरी ओर कांग्रेस किसान आंदोलन के समर्थन में पहले ही आ चुकी है। कांग्रेस नेता किसान महापंचायतों का आयोजन भी कर रहे हैं। जिनमें किसान नेता शिरकत भी कर रहे हैं। ऐसे में राकेश टिकैत का मध्यप्रदेश में एक्टिव होना सरकार को असहज ही करेगा। ऐसे में देखना यही है कि राकेश टिकैत के खिलाफ दस साल पुराने मामले में जारी वारंट पर क्या एक्शन लिया जाता है।

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