Politics

BJP में गुटबाजी का ‘सागर’, क्या अब डूब रहा शिवराज का जहाज?

प्रदेश में पार्टी के दिग्गज नेताओं के बीच अहम का टकराव सार्वजनिक रूप से हो रहा प्रदर्शित

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की गुटबाज़ी चरम पर पहुँचती दिखाई दे रही है। पार्टी के दिग्गज नेताओं में अहम का टकराव सार्वजनिक रुप से प्रदर्शित हो रहा है। दिग्गज भाजपा नेताओं में खिंची तलवारों को देख यह कहा जाने लगा है कि शिवराज सरकार का जहाज गुटबाज़ी के सागर में डूब भी सकता है।

खुद को अनुशसित कहने वाली भाजपा में गुटबाज़ी का सार्वजनिक प्रदर्शन इस बार बुंदेलखंड में दिखाई दिया है। यहाँ शिवराज सरकार के सीनियर मंत्रियों के बीच आपसी घमासान सुर्ख़ियों में है। यहाँ तक कि मंत्री भूपेंद्र सिंह के ख़िलाफ़ मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद राजपूत ने मोर्चा खोल दिया है।

मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद राजपूत द्वारा विधायक शेलेन्द्र जैन और प्रदीप लारिया व सागर जिलाध्यक्ष के साथ मिलकर मंत्री भूपेंद्र सिंह की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से शिकायत तक किये जाने की खबर मीडिया में आ गई है। प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेता जो शिवराज सरकार में मंत्री भी हैं उनके बीच गुटबाज़ी की खबर सार्वजनिक होने से सत्ता-संगठन में हड़कंप मच गया है।

वहीं कांग्रेस ने भाजपा की गुटबाज़ी पर कटाक्ष करते हुए यह तक कह दिया है कि अब भाजपा का जहाज डूब रहा है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन केके मिश्रा ने इस घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा कि सागर में डूब रहा BJP का जहाज.. राजनैतिक महाभारत में सर्वश्री गोपाल भार्गव,गोविंद राजपूत,शैलेंद्र जैन,प्रदीप लारिया,जिलाध्यक्ष गौरव सिरौठिया मंत्री भूपेंद्रसिंह जी के खिलाफ हुए लामबंद, भूपेंद्र जी के साथ हैं, स्थानीय सांसद राजबहादुर जी… तलवारें खींची .. युद्ध की रणभेरी का आगाज़…

यह पहले ही कहा जा रहा था कि सत्ताधारी भाजपा के पास के सामने विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती उसकी गुटबाज़ी है। पार्टी में बड़े पैमाने पर कार्यकर्ताओं में असंतोष की ख़बरें लगातार आ रही हैं। वहीं दूसरी ओर कई वरिष्ठ नेता भी खुद को उपेक्षित महसूस कर पार्टी के ख़िलाफ़ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। पार्टी के सामने सिंधिया के साथ आए विधायकों को लेकर अपने ही कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराज़गी को संतुलित करने की भी बड़ी चुनौती है। ऐसे में भाजपा के लिए चुनावी सागर को पार करना बहुत मुश्किल माना जाने लगा है।

Back to top button