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धन्यवाद मंत्री जी, आपने बता दिया- वैक्सीन मुफ्त नहीं, हम ही चुका रहे कीमत

सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों ही एक साल में तीन लाख 34 हज़ार करोड़ रुपये अर्जित किये हैं।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) पेट्रोल पंपों पर आपने उन होर्डिंग को तो देखा ही होगा जिसमें बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा गया है मुफ्त वैक्सीन के लिए धन्यवाद मोदी जी। पेट्रोल पम्पों पर एक ओर तो ये होर्डिंग लगाए गए है वहीं दूसरी ओर उन्ही पेट्रोल पम्पों से पेट्रोल या डीजल भरवाते समय उत्पाद शुल्क के रूप में जो पैसा आप सरकार को दे रहे हैं उसका इस्तेमाल ही मुफ्त वैक्सीन के लिए हो रहा है।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में एक सवाल का जो जवाब दिया है उससे यह बात साबित हुई है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक सवाल के जवाब में बताया कि केंद्र सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर लगाए जा रहे उत्पाद शुल्क से हो रही आमदनी को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च कर रही है। इसी आमदनी से ही सरकार मुफ्त वैक्सीन भी उपलब्ध करा रही है।

हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी/सेस से 1,01,598 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि डीजल से 2,33,296 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं। अगर इन दोनों को जोड़ा जाये तो सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों ही एक साल में तीन लाख 34 हज़ार करोड़ रुपये अर्जित किये हैं।

केंद्रीय मंत्री ने ये भी बताया कि साल 2010 से यूपीए सरकार के समय से ही पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों के आधार पर तय होती हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में 32 रुपये लिये जाते हैं। इसका उपयोग 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सहायता देने के अलावा लोगों को फ्री टीका लगाने, फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि में किया जाता है।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के इस बयान से इतना तो साफ़ है कि हम पेट्रोलियम उत्पादों पर जो टैक्स दे रहे हैं उससे ही हमें वैक्सीन लगाई जा रही है और दावा मुफ्त वैक्सीन का किया जा रहा है।

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