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फ्री वैक्सीन: क्या सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद जागी मोदी सरकार?

सुप्रीम कोर्ट ने तीन जून को केंद्र सरकार से कहा था कि 18 से 45 वर्ष के लोगों के लिए टीकाकरण नीति के सभी प्रासंगिक दस्तावेज और फाइलों की नोटिंग पेश की जाये।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 18 प्लस के लिए राज्यों को केंद्र की ओर से फ्री वैक्सीन दिए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट की फटकार का असर माना जा रहा है। विपक्ष ने भी केंद्र की वैक्सीन नीति में बदलाव को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैक्सीन खरीद और वितरण की डिटेल मांगे जाने से जोड़ा है।

दरअसल 18 साल से ज्यादा की उम्र वाले लोगों के लिए वैक्सीन को लेकर कोई स्पष्ट नीति न होने से केंद्र और राज्य सरकारों में तनातनी चल रही थी। इसका विपरीत असर वैक्सीन अभियान पर पड़ रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए वैक्सीन खरीद की पूरी डिटेल मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने तीन जून को केंद्र सरकार से कहा था कि 18 से 45 वर्ष के लोगों के लिए टीकाकरण नीति के सभी प्रासंगिक दस्तावेज और फाइलों की नोटिंग पेश की जाये। साथ ही कोवैक्सीन, कोविशील्ड एवं स्पूतनिक समेत सभी टीकों की खरीद और वितरण का ब्योरा भी सरकार पेश करे।

कोर्ट ने सरकार की पेड वैक्सीन नीति को प्रथम दृष्टया मनमाना और अतार्किक बताते हुए कहा थे कि केंद्रीय बजट में वैक्‍सीन की खरीद के लिए रखे गए 35,000 करोड़ रुपये अब तक कैसे खर्च किए गए हैं और इस फंड का इस्‍तेमाल 18-44 वर्ष के लोगों के लिए वैक्‍सीन खरीदने के लिए क्‍यों नहीं किया जा सकता।

हालाँकि यह कहा जा रहा है कि टीकाकरण के विकेंद्रीकृत मॉडल का एक महीना पूरा होने के बाद 1 जून को पीएम के समक्ष मुफ्त टीकाकरण की योजना पेश की गई थी। पीएम ने बैठक में इसे सैद्धांतिक मंजूरी दी थी और इसकी नींव 1 जून को ही रख दी गई थी। जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री द्वारा सोमवार को की गई है।

पीएम मोदी ने मानी राहुल गांधी की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर किया जो दो सप्ताह पहले ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कह चुके थे। राहुल गांधी ने 24 मई को ही ट्वीट किया था कि वैक्सीन खरीद केंद्र करे और वितरण राज्य सरकारें, तभी हर गांव तक वैक्सीन पहुंच सकती हैं।

इससे पहले भी कई मौके ऐसे आ चुके हैं जब कोरोना संकट पर केंद्र सरकार को राहुल गांधी की सलाह ही माननी पड़ी लेकिन इससे पहले राहुल गांधी के सुझावों का मोदी सरकार के मंत्री और समर्थक मजाक बनाने से हीं चूके। इससे पहले राहुल गांधी ने वैक्सीन संकट को देखते हुए मांग की थी कि नियम कायदों के तहत विदेषी वैक्सीनों को भी भारत में इस्तेमाल की मंजूरी दी जाए तब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर विदेशी कंपनियों के लिए लाॅबिंग का आरोप लगाया था लेकिन दो दिन बाद ही केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति दे दी थी।

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