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पटवारी परीक्षा में एक और बड़ा झोल, 21 दिव्यांग पास इनमें 15 जौरा के

सभी चयनित अभ्यर्थी सुनने में अक्षम, जांच के लिए हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल

भोपाल (जोशहोश डेस्क) पटवारी परीक्षा में फर्जीवाड़े के आरोप लगातार गहराते जा रहे हैं। ग्वालियर के एक ही सेंटर से टॉप 10 में से 7 अभ्यर्थियों को लेकर चल रहे विवाद के बाद अब मुरैना जिले की जौरा तहसील के 15 छात्रों के दिव्यांग कोटे से चुने जाने को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। एक ही सेंटर से आधे से ज्यादा टॉपर और फिर एक ही जगह से अधिकाँश दिव्यांगों के चुने जाने से सरकार बुरी तरह घिरी नज़र आ रही है।

बड़ी बात यह है कि परीक्षा में दिव्यांग कोटे से 21 लोग पास हुए जिनमें 15 जौरा के हैं। ये 15 अभ्यर्थी भी एक ही कोटे और समाज के छात्र हैं और हैरानी की बात यह है कि सभी चयनित अभ्यर्थी कानों से विकलांग हैं यानी ये सभी सुनने में अक्षम हैं, जिसका मेडिकल सर्टिफिकेट भी लगाया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जौरा का यह मामला सामने आने के बाद लिखा कि जून में शिक्षक वर्ग ३ के घोटाले में भी अधिकांश बहरे दिव्यांग मुरैना ग्वालियर के। अब पटवारी भर्ती घोटाले में भी बहरे दिव्यांग इसी क्षेत्र के। इस क्षेत्र में इतने बहरे होने का क्या कारण है? संयोग से भाजपा के प्रांतीय अध्यक्ष भी मुरैना के ही हैं।

जौरा तहसील से पटवारी परीक्षा में जो छात्र उत्तीर्ण हुए हैं उनमें रमाकांत पुत्र परिमल त्यागी, योगेंद्र पुत्र मनोज त्यागी, चंद्रकांत पुत्र गिर्राज त्यागी, मनोज पुत्र लज्जाराम त्यागी, प्रवीण पुत्र लज्जाराम त्यागी, आकाश त्यागी, कृष्णकांत पुत्र सियाराम त्यागी, विजय पुत्र राजेश त्यागी, धीरेंद्र पुत्र विनोद त्यागी, कीर्ति नंदन और योगेश कुमार शामिल हैं।

सोशल मीडिया में यह भी वायरल है कि चयनित प्रवीण त्यागी एवं मनोज त्यागी दोनों सगे भाई हैं और दोनों कानों से बहरे हैं। मनोज त्यागी का जन्म 26/12/1994 में हुआ है उसके 6 दिन बाद प्रवीण त्यागी का जन्म 02/01/1995 में हो गया है I अब इस मामले में हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में कांग्रेस नेता रघु परमार ने एक पीआईएल दाखिल की है। उनके वकील गोविंद पाल सिंह के मुताबिक़ हमने गड़बड़ियों की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है।

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