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इतना भी बुरा नहीं था 2020, जानें क्यों..

ये सच है की वर्ष 2020 एक बहुत ही मुश्किल साल रहा, कोरोना का आना, कई जानें जाना, वैक्सीन ट्रायल्स का फेल होना ऐसे ही कई बुरी बुरी खबरों के बीच ऐसा बहुत कुछ हुआ जो सुखद था। जब इस महामारी, दुख, तकलीफ के बीच हमें लग रहा था की समय थम गया और कुछ अच्छा नहीं हो रहा हमारे वैज्ञानिक, पर्यावरणविद, और हमारे बीच बहुत सारे नायक नहीं रुके और उनके नित नए कारनामे हमने सुने तो चलिए इस से पहले की आप 2020 को सबसे-खराब साल होने का तमगा दे दें।
एक नजर डालें दुनिया भर की उन सकारात्मक खबरों पर जिन्होंने मानवता पर हमारा विश्वास हिलने नहीं दिया और आशा की किरण साबित हुई।

इस लिस्ट में पहली खबर है कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन (carbon dioxide emission) में कमी और ये कोई ऐसी वैसी कमी नहीं है पूरे 7% की कमी, जो की लगभग 2.4 बिलियन मीट्रिक टन हैं। ये गिरावट द्वितीय विश्व युद्ध के समय भी सिर्फ 0.9 बिलियन मीट्रिक टन थी और 2009 में जब पूरा विश्व वित्तीय संकट झेल रहा था तब भी सिर्फ 0.5 बिलियन मीट्रिक टन दर्ज़ की गई थी। शोधकर्ताओं के अनुसार इस गिरावट का मुख्य कारण लोगों का घर मे रहना, कारों और विमानों का कम चलना।

अगली अच्छी खबर है कि हमारा अपना पृथ्वी गृह अब ज्यादा हरा है और लोगों ने हरियाली की कीमत समझते हुए पेड़ों को सहेजना और संवारना शुरू किया है। इस साल 2 मिलियन भारतीयों ने एक सप्ताहांत में मिलकर को 250 मिलियन पेड़ लगाए।

हवा और पेड़ों के बाद अगली अच्छी खबर है समुद्र के बारे में। सभी महासागर अब ज्यादा साफ हैं। यहाँ तक की दुनिया के ऐसे 14 देश प्लास्टिक को खत्म कर के मछलियों और समुद्रों की रक्षा करने के लिए साथ आए जो दुनियाभर की 40% समुद्री किनारों पर कविज हैं।

ये साल पशु पक्षियों के लिए भी बहुत सारी गुड न्यूज लाया। कई दुर्लभ और लगभग विलुप्तप्राय पशु पक्षियों की वापसी हुई, हमने उन्हें उनके प्रकरतिक वातावरण में पनपते देखा, जहां हम पर्यटक बन उन्हे डराते और उनके पर्यावरण को प्रदूषित करते थे । केन्या में, शेरों की आबादी अपने 2010 की संख्या से 25 प्रतिशत बढ़ी, अंबोसली राष्ट्रीय उद्यान में 140 से अधिक हाथियों का जन्म हुआ।

ये साल बहुत सुखदायी था जानवरों के लिए। अंतत: चीन ने मानव उपभोग के लिए पशुओं के उत्पादन और व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया। वहीं फ्रांस ने भी सर्कस में जंगली जानवरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

अगली गुड न्यूज है की दुनिया भर में प्रदूषण कम हुआ क्योंकि जीवाश्म ईंधन से चलने वाली कारें जो सड़कों पर नहीं थीं। ये देख कर कई देश अब car free schemes को बढ़ावा दे रहे हैं, जहां अलग से साइकल लेन हैं और दो पहिया वाहनों की सवारी ज्यादा सुविधाजनक। साथ ही के पर्यावरण प्रेमियों ने तो इस प्रदूषणरहित साफ नीले आसमान को बनाए रखने के लिए शहर के अंदर ज्यादा से ज्यादा पैदल चलने का गाड़ियों का कम से काम इस्तेमाल करने का फैसला भी लिया है।

मानवता के लिए सबसे बड़ी पाज़िटिव खबर है “नायक” शब्द को नई परिभाषा मिलना, नए मायने मिलना। वह कठिन समय जब हम सब लॉकडाउन में थे तब कुछ ऐसे लोग थे जो हर दिन अपने जीवन को जोखिम में डालकर यह सुनिश्चित कर रहे थे कि हम सब अपने घरों में आराम से रह सकें और काम कर सकें। इस वैश्विक संकट के दौरान हम समझ गए की सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, अन्य सरकारी कर्मचारी और पेशेवर लोग सही मायने में असली नायक हैं।

ये भी तो पाज़िटिव खबर ही है की मानसिक स्वास्थ्य अब प्राथमिकता है। COVID-19 के शुरुआती दिनों में दुनिया को चेताते हुए मानसिक स्वास्थ्य संकट के बारे में कई चेतावनियाँ दी गई थीं। इसने हमारा ध्यान आकर्षित किया उन लोगों की ओर जो पीड़ित तो हैं पर बात करने में संकोच करते हैं। मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अब हम पहले से ज्यादा चिंता और बातचीत कर रहे हैं । मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता और विचारशीलता पैदा हुई है।

हमारे नए कौशल और प्रतिभाएं भी तो सकारात्मक बदलाव ही है । हम सब ने नई प्रतिभाएं और कौशल विकसित किए हैं। समय का सदुपयोग करते हुए हमने अपनी प्रतिभाएं पहचानी और नए कौशल विकसित किए। वो लोग जो कभी व्यायाम के लिए समय नहीं निकाल पाते थे वे अब ज्यादा स्वस्थ हैं। जड़ी बूटियों और अन्य पौधों का विकास हुआ, घर घर के नए बागवानों के लिए धन्यवाद, अब दुनिया में बहुत सारे नए शेफ, कलाकार और संगीतकार हैं।

इसी साल दुनिया भर में महिलाओं ने अपना परचम लहराया। जहां एक ओर अमरीका ने पहली बार महिला, पहली ब्लैक और पहली एशियाई-अमेरिकी उपाध्यक्ष का चुनाव किया। वहीं दूसरी ओर न्यूज़ीलैंड की प्रधान मंत्री जैसिंडा आर्डेन ने वायरस को मिटाने और न्यूज़ीलैंड को दुनिया के सबसे COVID- resistant देश बनने के लिए एक राष्ट्रव्यापी प्रयास का नेतृत्व किया और चुनाव में अभूतपूर्व विजय पाई । जर्मनी में एंजेला मर्केल और फिनलैंड में सना मारिन ने भी महामारी के प्रति अपने त्वरित प्रतिक्रिया के कारण दुनिया भर में प्रशंसा हासिल की। वहीं इसके विपरीत, पुरुष नेता उनके लापरवाह व्यवहार के कारण न केवल महामारी के प्रबंधन में लड़खड़ाए बल्कि खुद भी इसकी चपेट में आए। जैसा कि बोरिस जॉनसन, जेयर बोल्सोनारो और डोनाल्ड ट्रम्प। ये साल महिला नेताओं के लिए निश्चित ही एक मील का पत्थर साबित होगा।

हम घरों में बंद थे इसका मतलब यह नहीं था कि अब हमने खोजें बंद कर दी। इस दिसंबर, जापानी वैज्ञानिकों ने पहली बार किसी asteroid से मिट्टी और पत्थर के सैम्पल इकट्ठा किए। हमने एक रोबोट भेजा asteroid पे जो नमूने लेकर वापस आया।

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और अंत में वो अच्छी खबर जिसका हम सभी को इंतजार था। ये विज्ञान के लिए एक अविश्वसनीय साल साबित हुआ क्यूंकी इसी साल आया इतिहास का सबसे तेजी से बनाने वाला टीका, जी हाँ अब हमारे पास हैं, कोविड-19 के वैक्सीन वो भी दो । 2020 से पहले कभी भी किसी भी वैक्सीन 4 साल से कम समय में विकास नहीं हुआ था और न सिर्फ विकास, बल्कि सफल परीक्षण हुए और वैक्सीन को अनुमोदित भी कीया गया। अब बस 2021 की बड़ी चुनौती है इस टीके का कोने कोने तक पहुँच कर पूरी जनसंख्या को लग जाना।

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