Politics

क्या प्रतीकों की सियासत के चैंपियन के सामने मास्टर स्ट्रोक है I-N-D-I-A?

विपक्ष के 26 दलों ने बनाया INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) कांग्रेस समेत विपक्ष के 26 दलों ने NDA (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) से मुकाबले के लिए INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) नाम से गठबंधन बनाया है। यह नाम सामने आते ही देश की सियासत में खलबली मच गई है। अब 2024 का लोकसभा चुनाव सत्तापक्ष और विपक्ष यानी NDA और INDIA के बीच होगा।

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विपक्ष के 26 दलों का INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) सियासत के साथ ही सोशल मीडिया की सुर्ख़ियों में भी है। इसे विपक्ष का मास्टर स्ट्रोक भी बताया जा रहा है। कहा यह भी जा रहा है कि अभी तक प्रतीक की सियासत के सबसे बड़े खिलाड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विपक्ष अब उन्ही के खेल में मात देता दिखाई दे रहा है।

लेखक और पत्रकार राकेश कायस्थ ने अपनी FB पोस्ट में लिखा-

नरेंद्र मोदी को बिना किसी बहस के प्रतीक वादी राजनीति का प्रणेता और सबसे बड़ा चैंपियन माना जा सकता है। वो अपने विरोधियों के सामने ऐसे प्रतीक ला खड़े रहते हैं कि विरोधी उसकी कोई काट ना ढूंढ पायें। विपक्ष ने पहली बार मोदी को उन्ही के खेल में मात देता दिखाई दे रहा है। आनेवाले दिनों जब बंगाल से लेकर कर्नाटक तक जब इंडिया-इंडिया गूंजेगा तो बीजेपी को इसका तोड़ ढूंढने में काफी कठिनाई होगी। स्वभाविक तर्क यही है कि मोदी इंडिया बनाम भारत जैसा कोई नारा लेकर आएंगे लेकिन पैन इंडिया लेवल पर ये नारा कितना असर डालेगा। मुफ्त अनाज स्कीम इंडिया बनाम भारत दावे का आधार हो सकता है। लेकिन उसके सामने अडानी बनाम इंडिया का नैरेटिव भी होगा। India में शामिल Inclusive शब्द को काउंटर करने के लिए बीजेपी के पास कुछ भी नहीं है। उसकी पूरी राजनीति ही बहुसंख्यकवादी निरंकुशता पर टिकी है। इसके विपरीत Inclusive या समावेशी शब्द उन करोड़ों लोगों के लिए बहुत ज्यादा मायने रखता है जो खुद को राजनीति विमर्श से बाहर पाते हैं। विपक्ष की राजनीति काफी हद तक `एक के सामने एक’ की रणनीति की तरफ बढ़ती दिखाई दे रही है। नरेंद्र मोदी हमेशा अपने चिर-परिचित सफल फॉर्मूलों पर यकीन करते हैं। सीबीआई और ईडी को अगले कुछ महीनों में ओवर टाइम करना पडे़गा। कुल मिलाकर ऐसा लग रहा है कि 1989 के बाद से ये भारतीय राजनीति का सबसे दिलचस्प चुनाव होगा और बहुत कुछ ऐसा देखने को मिलेगा जो कल्पनातीत है।

गौरतलब है कि विपक्षी दलों की दो दिन की बैठक बेंगलुरु में बुलाई गई थी। बैठक में 2024 चुनाव पर चर्चा में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी चीफ शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और अन्य नेता शामिल हुए।

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