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क्या PM मोदी से अमेरिकी राष्ट्रपति करेंगे अपने 75 सांसदों के ‘मन की बात’?

भारत में लोकतांत्रिक स्पेस के सिकुड़ने, प्रेस फ़्रीडम की अवहेलना और अल्पसंख्यकों के दमन जैसे मुद्दों को PM मोदी से बातचीत में उठाए की अपील

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर पहुँच चुके हैं। इस बीच अमेरिका के 75 सीनेटरों और डेमोक्रेटिक पार्टी के कांग्रेस प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति जो बाइडन को पत्र लिख भारत में लोकतांत्रिक स्पेस के सिकुड़ने, प्रेस फ़्रीडम की अवहेलना करने और अल्पसंख्यकों का दमन करने जैसे मुद्दों को प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत में उठाए जाने की अपील की है।

पत्र पर बर्नी सैंडर्स, एलिजाबेथ वारेन और टिम कैन सहित 18 सीनेटरों और प्रतिनिधि सभा के 57 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं। पत्र में इन्होंने अपनी चिंताओं को सामने रखते हुए कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यात्रा के दौरान स्वागत किया जाए, लेकिन साथ ही भारत के साथ मौजूदा चिंताओं पर भी चर्चा की जाए, जिससे भारत-अमेरिका संबंध मजबूत हो सकें।

इधर इस पत्र के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने पत्र को शेयर करते हुए लिखा कि अगर आप पत्र के कंटेंट को पढ़ेंगे तो जान पाएंगे कि यह हम भारतीयों के लिए कितने अफ़सोस की बात है।

सोशल मीडिया पर भी यह कहा जा रहा है कि भारतीय गोदी मीडिया अमेरिकन सीनेटर का यह पत्र दिखा-बता देगा तो पूरे देश को पता न चला जाएगा अमेरिका में मोदी जी का कथित सम्मान कितना प्रायोजित और कितना स्वाभाविक है?

साथ ही कहा जा रहा है कि यह ख़त पढ़िये और सोचिये यह देश कहां से कहां पहुँच गया। दुनिया हमारे लिये क्या सोच रही है और कौन है इसका ज़िम्मेदार? गोदी मीडिया के जो चारण पत्रकार भारत से कवरेज करने गये है वो यह सब आपको कभी नहीं बतायेंगे।

गौरतलब है कि अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडन को लिखे पत्र में कहा है कि वे भारत में धार्मिक असहिष्णुता, प्रेस की आजादी, इंटरनेट शटडाउन और सिविल सोसाइटी समूहों को निशाना बनाने को लेकर चिंतित हैं। सांसदों ने अमेरिकी विदेश विभाग और नागरिक समाज संगठनों की रिपोर्टों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति से धार्मिक असहिष्णुता के बढ़ने, नागरिक समाज संगठनों व पत्रकारों को निशाना बनाने, प्रेस की स्वतंत्रता पर बढ़ते प्रतिबंध तथा इंटरनेट का उपयोग आदि प्रमुख मुद्दों पर बात करने को कहा है। सांसदों के मुताबिक़ इन मुद्दों को प्रमुखता से पीएम मोदी के सामने रखने चाहिए और खुलकर बात होनी चाहिए।

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