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लोकतंत्र में असहमति ज़रूरी, आलोचना पर 153A-295A लगाना ठीक नहीं-कोर्ट

मोहम्मद ज़ुबैर को अभी रिहाई नहीं मिल पाएगी क्योंकि हाथरस केस में अभी 27 तारीख़ तक जुबैर न्यायिक हिरासत में हैं।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) फैक्ट-चेकर मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली केस में ज़मानत मिल गई। मोहम्मद ज़ुबैर को जमानत देते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘भारतीय लोकतंत्र में राजनीतिक दलों को आलोचना के लिए तैयार रहना चाहिए, आलोचना स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बहुत ज़रूरी है, सिर्फ़ किसी राजनीतिक दल की आलोचना से धारा 153A और 295 A लगाना ठीक नहीं।

हालांकि फैक्ट-चेकिंग पोर्टल ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर को अभी रिहाई नहीं मिल पाएगी क्योंकि हाथरस केस में अभी 27 तारीख़ तक जुबैर न्यायिक हिरासत में हैं। साल 2018 में ट्वीट कर धार्मिक भावनाएँ आहत करने के के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जुबैर को 50,000 के मुचलके पर जमानत दी है।

जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज छह मामलों को रद्द करने का अनुरोध किया है। साथ ही यह भी कहा है कि मामलों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल को वापस लिया जाए।

गौरतलब है कि फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज (AltNews) के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था। जुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153/295 के तहत केस दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक ज़ुबैर पर यह मामला सोशल मीडिया में उनकी एक पोस्ट को लेकर दर्ज किया गया है। साल 2018 में किये गए इस ट्वीट में जुबैर ने फ़िल्म के एक सीन को ट्वीट कर कटाक्ष किया था। साल 2014 का जिक्र होने से इसे भाजपा पर कटाक्ष माना जा रहा था।

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