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70000 ट्वीट से बुंदेलखंड के युवाओं ने बक्सवाहा के जंगलों को कराया ट्रेंड

बुंदेलखंड के युवाओं ने बकस्वाहा के जंगलों को बचाने 3 दिन में 70000 ट्वीट कर इसे सोशल मीडिया की बड़ी सुर्खी बना दिया है।

सागर (जोशहोश डेस्क) छतरपुर के बकस्वाहा में ही हीरे की खदानों के लिए दो लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाने के खिलाफ युवाओं और पर्यावरणविदों ने मोर्चा खोल दिया है। सोशल मीडिया पर बकस्वाहा के जंगलों को बचाने अभियान चलाये जा रहे हैं। बुंदेलखंड के युवाओं ने इन जंगलों को काटे जाने पर 3 दिन में 70000 ट्वीट कर इसे सोशल मीडिया की बड़ी सुर्खी बना दिया है।

टिवटर पर युवाओं ने यह सवाल उठाया कि हवा लगातार प्रदूषित हो रही है। ऐसे में हीरे के लिए जंगल काटे जाने का कोई औचित्य नहीं। वहीं यह भी कहा गया कि जंगल से हमें ऑक्सीजन चाहिए हीरे नहीं।

बकस्वाहा के जंगल में हीरे का सबसे बड़ा भंडार मिला है। यहां करीब 3.42 करोड़ कैरेट के हीरे दबे होने का अनुमान है। अब हीरे के इस भंडार के लिए हरे भरे जंगल को तबाह करने का खाका तैयार हो रहा है। वन विभाग के सर्वे के मुताबिक 2,15,875 पेड़ों को काटा जाएगा। इनमें 40 हजार पेड़ सागौन के हैं। इसके अलावा पीपल, तेंदू, जामुन, बहेड़ा जैसे औषधीय पेड़ भी हैं।

हीरे निकालने के लिए पेड़ काटने से पर्यावरण को भारी नुकसान होना तय माना जा रहा है। इसके अलावा वन्यजीवों पर भी संकट आ जाएगा। वन्यजीवों को लेकर मई 2017 में जियोलॉजी एंड माइनिंग मप्र और रियोटिंटो कंपनी ने एक रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट में तेंदुआ, बाज, भालू, बारहसिंगा, हिरण, मोर जैसे वन्य जीवों का इस जंगल में होना पाया था लेकिन अब नई रिपोर्ट में इन वन्यजीवों के यहां होना नहीं बताया जा रहा है।

हालांकि छतरपुर कलेक्टर के प्रस्ताव के मुताबिक इस जंगल के एवज में बकस्वाहा तहसील में ही करीब 382 हेक्टेयर राजस्व भूमि को वनभूमि में तब्दील किया जाना है। लेकिन अब तक इस तरह के प्रयोग कितने सफल रहे हैं? यह किसी से छिपा नहीं हैं। बड़ी बात यह भी है कि इतना बड़े जंगल को आकार लेने में जो समय लगेगा उस दौरान पर्यावरण का हुई क्षति का भरपाई कैसे होगी?

गौरतलब है कि बंदर डायमंड प्रोजेक्ट के तहत इस स्थान का सर्वे 20 साल पहले शुरू हुआ था। दो साल पहले प्रदेश सरकार ने इस जंगल की नीलामी की है। आदित्य बिड़ला समूह की एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सबसे ज्यादा बोली लगाई है। प्रदेश सरकार आदित्य बिड़ला समूह को यह जमीन 50 साल के लिए लीज पर दे रही है। इस जंगल में 62.64 हेक्टेयर क्षेत्र हीरे निकालने के लिए चिह्नित किया गया है।

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