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ट्रस्ट ने उसी दिन 8 करोड़ में खरीदा था 18.5 करोड़ वाली जमीन का ‘उतना ही बड़ा’ दूसरा टुकड़ा

इस डील में भी गवाह के रूप ट्रस्ट के अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के ही हस्ताक्षर हैं।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) अयोध्या में श्रीरामतीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन को लेकर चल रहे विवाद में अब एक नया खुलासा हुआ है। यह सामने आया है कि ट्रस्ट ने जो जमीन 18.5 करोड़ में खरीदी थी उसके करीब उतनी ही जमीन ट्रस्ट ने उसी दिन आठ करोड़ में भी खरीदी थी।

ट्रस्ट ने यह जमीन कुसुम पाठक और हरीश पाठक से सीधे खरीदी थी। कुसुम पाठक और हरीश से ही सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने वह जमीन खरीदी थी जो जिसे दस मिनट बाद ही श्रीरामतीर्थ टस्ट ने 18.5 करोड़ में खरीदा था। बड़ी बात यह है कि इस डील में भी गवाह के रूप ट्रस्ट के अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के ही हस्ताक्षर हैं।

अब यह जानकारी आमने आई है कि 18 मार्च को ही ट्रस्ट द्वारा एक और 1.037 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई थी लेकिन यह जमीन सीधे कुसुम पाठक और हरीश पाठक से ट्रस्ट ने खरीदी थी। ट्रस्ट के द्वारा खरीदी गई 1.037 हेक्टेयर की इस जमीन का गाटा संख्या 242 था जबकि संख्या गाटा संख्या 242, 243, 244 और 246 में से 1.208 हेक्टेयर जमीन ट्रस्ट ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से 18.5 करोड़ में खरीदी थी।

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और अयोध्या के पूर्व सपा विधायक पवन पांडे ने आरोप लगाया है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत वाली जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदी है। सरकार को जमीन खरीद की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराना चाहिए।

वही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। ट्रस्ट ने अपनी सफाई में कहा है कि जमीन की कीमत दो करोड़ से 18.5 करोड़ दस मिनट में नहीं बल्कि दस सालों में हुई है। ट्रस्ट ने जो जमीन खरीदी है उसका ‘एग्रीमेंट टू सेल’ पहले ही हो चुका था। ट्रस्ट ने यह भी कहा है कि जमीन सड़क से करीब है और यही रास्ता राम जन्मभूमि मंदिर तक जाने वाला है। इस जमीन को 1,423 रुपये प्रति वर्ग फुट पर खरीदा गया है जो बाजार की कीमत से काफी कम है।

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