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RSS का ‘पाक प्रेम’ ट्ववीट कर बोले दिग्विजय- क्या मोहन भागवत की भी कराओगे NIA जांच?

क्लब हाउस विवाद पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का पलटवार।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने क्लब हाउस विवाद पर पलटवार किया है। उन्होंने रविवार को आरएसएस के पाकिस्तान पर दिए सकारात्मक बयानों को ट्वीट कर सवाल किया कि क्या इन बयानों पर संघ प्रमुख मोहन भागवत को भी पाकिस्तान भेजा जाएगा? क्या उनकी भी एनआईए जांच कराई जाएगी?

दिग्विजय सिंह कश्मीर में धारा 370 को लेकर सोशल मीडिया में वायरल हुई क्लब हाउस चैट को लेकर भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर हैं। भाजपा ने उनके बयान को पाकिस्तान समर्थित बताया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने तो गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दिग्विजय सिंह के खिलाफ एनआईए जांच की मांग तक की है।

अब दिग्विजय सिंह ने उन बयानों को हवाला दिया है जिनमें संघ के प्रमुख पदाधिकारी द्वारा भारत पाकिस्तान संबंधों की तुलना कौरव-पांडवों से की गई थी और पाकिस्तान को भारत का भाई बताते हुए सरकार से पाकिस्तान के साथ बेहतर रिश्तों की वकालत की थी। इन बयानों का हवाला देते हुए दिग्विजय सिंह ने सवाल किया है कि क्या मोहन भागवत जी को भी पाकिस्तान भेजोगे और उनकी भी NIA की जाँच कराओगे? हम दोनों की जाँच NIA से करवा लो।

क्लबहाउस चैट के वायरल ऑडियो में पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल के जवाब में दिग्विजय सिंह यह कहते सुने जा रहे हैं कि जब उन्होंने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया तो वहां लोकतंत्र नहीं था। वहां इंसानियत भी नहीं थी, क्योंकि सभी को जेल में बंद कर दिया गया था। कश्मीरियत वहां के सेक्युलरिज्म का हिस्सा है, क्योंकि मुस्लिम बहुल राज्य का राजा हिंदू था और दोनों साथ मिलकर काम किया करते थे। यहां तक कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया गया था। ऐसे में आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला बेहद दुखद था और कांग्रेस जब सत्ता में आएगी तो 370 हटाने के फैसले पर दोबारा विचार करेगी।

बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने इस क्लब हाउस चैट का एक हिस्सा ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा- क्‍लब हाउस चैट में राहुल गांधी के वरिष्‍ठ सहयोगी दिग्विजय सिंह एक पाकिस्‍तानी पत्रकार से कहते हैं क‍ि अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आती है तो वे आर्टिकल 370 को निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे. सच में? यही तो पाकिस्तान चाहता है

उधर, दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया था कि ‘अनपढ़ लोगों की जमात को ‘shall (करेंगे) और ‘consider (विचार करना) में फ़र्क़ शायद समझ में नहीं आता।

गौरतलब है कि संसद ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को मंजूरी दी थी ।

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