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क्या इस पैसे से खरीदा गया पेगासुस?

वित्तीय वर्ष 2017-18 में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिवालय का बजट अचानक 33 करोड़ से 333 करोड़ किया जाना फिर सुर्खियों में हैं।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) पेगासुस जासूसी कांड को लेकर केंद्र सरकार सवालों के घेरे में है। भारत में सॉफ्टवेयर किसने और कितने में खरीदा? इसका जवाब अब तक नहीं मिला है। दूसरी ओर वित्तीय वर्ष 2017-18 में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिवालय (एनएससीएस) का बजट अचानक 33 करोड़ से 333 करोड़ किया जाना फिर सुर्खियों में हैं। इसे लेकर भी सरकार से सवाल किए जा रहे हैं।

एनएससीएस का बजट वित्तीय वर्ष 2017-18 में अचानक करीब दस गुना बढ़ाते हुए 33 करोड़ से 333 करोड़ रुपए किया गया था। इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल की यात्रा की की थी। भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी के बजट में अचानक की गई इस वृद्धि को लेकर अब सरकार से सवाल किया है।

उन्होंने ट्वीट किया कि एनएससीएस के बजट में यह उछाल क्यों आया क्या? यह उछाल नई इकाई ‘साइबर सुरक्षा रिचर्स और डेवलमेंट’ जोड़ने के कारण है? मोदी सरकार के प्रवक्ताओं को यह बताया चाहिए कि अतिरिक्ति 300 करोड़ रुपए कहां खर्च किए गए?

एनएससीएस सीधे एनएसए अजीत डोवाल को रिपोर्ट करता है और इसका काम प्रधानमंत्री को सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सलाह देना है। 2017-18 के बाद बजट का बड़ा हिस्सा साइबर सुरक्षा खर्च किया गया।

पेगासुस लाइसेंस का खर्च 50 फोन के लिए करीब 60 करोड़ रुपए बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जासूसी लिस्ट में भारतीय नंबर साल 2017 में ही जोड़े गए थे। बड़ी बात यह है कि इसी साल एनएससीएस का बजट भी करीब दस गुना बढाकर 333 करोड़ किया गया था।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेडा ने भी एनएससीएस बजट में अप्रत्याशित वृद्धि और पेगासुस के लिंक को लेकर सरकार से सवाल किया है। उन्होंने कहा कि साल 2017-18 में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिवालय के बजट में 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई और यह उस वक्त हुआ जब ‘पेगासस जासूसी प्रकरण’ आरंभ हुआ था। उन्होंने सवाल किया कि क्या ‘पेगासस जासूसी प्रकरण’ के कारण ही यह बजट बढ़ाया गया था?

पवन खेडा ने सरकार से यह भी सवाल लिए कि ‘क्या पेगासस सॉफ्टवेयर सरकार या सरकार की किसी एजेंसी ने खरीदा? अगर सरकार ने खरीदा तो क्या उसने इसे अपने ही अधिकारियों, अपने ही राजनेताओं, अपनी पार्टी के नेताओं, पत्रकारों पर इस्तेमाल किया?’

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