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मध्यप्रदेश में होगा देश का पहला स्टार्टअप इकोसिस्टम

मध्यप्रदेश के किसानों और संबंधितों को केवल एक फ़ोन सीएम हेल्पलाइन के 181 पर फोन लगाने पर इस सुविधा का लाभ मिल जाएगा।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश सरकार की किसानों के लिए देश में सबसे पहले आईसीटी आधारित मोबाइल गवर्नेंस के क्षेत्र में नई पहल के जरिये राज्य के किसानों और संबंधितों को अब 25 जनवरी से मोबाइल पर पर भी बी1, खसरा, खतौनी और नक़्शा के दस्तावेज मिलना चालू हो जाएंगे। इस अभिनव प्रक्रिया को आम नागरिकों को राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 25 जनवरी 2021 को समर्पित करेंगें।

मध्यप्रदेश के किसानों और संबंधितों को केवल एक फ़ोन सीएम हेल्पलाइन के 181 पर फोन लगाने पर इस सुविधा का लाभ मिल जाएगा। यह सुविधा प्राप्त करने के लिए आधार और मोबाइल नंबर पंजीकृत होना जरूरी है। जैसे ही इस सुविधा का लाभ लेने के लिए संबंधित द्वारा 181 पर फोन किया जायेगा, प्रक्रिया पूरी होते ही बी1, खसरा, खतौनी और नक़्शा के दस्तावेज उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप्प के जरिये भेज दिया जायेगा।

मध्यप्रदेश में स्टार्टअप इकोसिस्टम के तहत सोशल सेक्टर, कृषि, एग्रीटेक और फ़ूड इंडस्ट्री स्टार्टअप एवं इन्क्यूबेशन सेंटर को बढावा देने के लिए और मध्यप्रदेश में स्टार्टअप इकोसिस्टम देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में होगा। इसके लिये जल्दी ही नई पॉलिसी आने वाली है। नई नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह जानकरी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमपीपोस्ट से एक बातचीत में साझा की।

एक साल में 20 हजार को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस,ब्लॉक चैन और वर्चुअल गवर्नेंस की ओर हम बढ़ चुके हैं । इस दिशा में काम करने वाला देश का पहला राज्य है मध्यप्रदेश । मुख्यमंत्री ने बताया की हाल ही में आई टी के क्षेत्र में ऐसा काम हुआ जिसके जल्द परिणाम आएंगे। उन्होंने बताया की राज्य के भोपाल,जबलपुर और इंदौर स्थित आई टी पार्क में 110 प्लाट बचे थे। जिसमें से दो से ढाई माह के भीतर सभी नियम -प्रक्रियाओं की पूर्ति के बाद ऑनलाइन ऑक्शन के जरिये देश में पहली बार अधिकतम बोली लगाने बाली आई टी कंपनी को 78 प्लाट देने की औपचारिकता शुरू हो रही है। इससे जहाँ लगभग 30 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है वहीं एक से दो साल के अंदर लगभग 20 हजार राज्य के नागरिकों को रोजगार मिलेगा।

स्टार्टअप हब की ओर कदम
सीएम का कहना है कि प्रदेश ने स्टार्ट अप हब बनाने की ओर कदम बढा दिया है। मध्यप्रदेश में स्टार्टअप,1132 से अधिक डीपीआईआईटी पंजीकृत हैं और 3000 से अधिक अपंजीकृत स्टार्टअप हैं । अधिकतम स्टार्टअप इंदौर में – 442 और भोपाल में – 346 से काम कर रहे हैं आईटी में सबसे ज्यादा स्टार्टअप लगे हुए हैं,अधिकांश स्टार्टअप आईटी सेवाएं – 184, शिक्षा 96,हेल्थ केयर और लाइफ साइंस 80, कृषि 71, फ़ूड और पेय पदार्थ 50 उद्योग क्षेत्र से जुड़े हैं । मध्य प्रदेश में बड़े इन्क्यूबेशन सेंटर भी हैं 39 से अधिक इन्क्यूबेशन सेंटर नेटवर्क 1200 से अधिक सीटों की क्षमता बाले हैं,200 से अधिक स्टार्टअप इंक्यूबेटेड हैं।

नई स्टार्टअप नीति जल्द
केंद्र सरकार की मदद से ग्वालियर में बन रहे इन्क्यूबेशन सेंटर का निर्माण और मशीन स्थापना का काम पूरा हो गया है। इसमें 200 से अधिक इन्क्यूबेटस को जगह दी जाएगी । हाल ही में सीसीआई के साथ “एमपी में निवेश” सत्र आयोजित किया था जिसमें भारत भर के कई निजी इक्विटी निवेशकों ने भाग लिया। आगामी दिनों में स्टार्टअप्स के लिए हैकाथान आयोजित करने की योजना है ।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि जल्द से जल्द नई स्टार्टअप नीति भी आयेगी। स्टार्टअप और इन्क्यूबेशन सेंटर को मजबूती मिलेगी। नई स्टार्टअप नीति में कृषि, कृषि-तकनीक और खाद्य उद्योग और सामाजिक क्षेत्र पर विशेष ध्यान रहेगा।

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