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क्या सिंधिया समर्थकों पर भाजपा कार्यकर्ताओं की भड़ास बयां कर गए प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव?

मुरलीधर राव ने बैठक के बाद प्रेस काॅन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में जो कहा उसे कार्यकर्ताओं के मन की भड़ास को आवाज देना ही माना जा रहा है।

भोपाल (जोश होश डेस्क) भारतीय जनता पार्टी की नव नियुक्त प्रदेश कार्यकारिणी की दो दिनी बैठक इंदौर में संपन्न हो गई। बैठक में भाजपा के प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव (Murlidhar Rao) भी शामिल हुए। मुरलीधर राव ने बैठक के बाद प्रेस काॅन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में जो कहा उसे कार्यकर्ताओं के मन की भड़ास को आवाज देना ही माना जा रहा है।

दरअसल मुरलीधर राव से सवाल किया गया था कि प्रदेश की नई कार्यकारिणी में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को जगह क्यों नहीं मिली? इसके जवाब में मुरलीधर राव ने कहा कि उनके कारण (सिंधिया समर्थकों) हमारे पुराने नेता मंत्री नहीं बन पाए और कितना एडजस्ट करें? हालांकि उन्होंने बाद में बात संभाल भी ली।

लेकिन बात निकली तो दूर तलक जाना भी थी। सूबे की सियासत में यह माना जाने लगा कि मुरलीधर राव ने प्रदेश भर के भाजपा कार्यकर्ताओं के मन की भड़ास को बयां कर दिया। अब देखना यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक इस बयान को किस तरह लेते हैं?

वहीं कांग्रेस इस बयान पर क्यों चुप रहने वाली थी? कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा- मुरलीधर राव जी अभी तो दर्द छलका है बाद में पूरी भाजपा रोएगी।

अगर भाजपा की अंदरूनी राजनीति की बात की जाए तो सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ दिलाए जाने के बाद से पार्टी के वरिष्ठ नेता नाराज हैं। पाटन से विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई तो कई बार सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जाहिर तक कर चुके हैं।विश्नोई अकेले हों ऐसा भी नहीं है इस लिस्ट में कई और पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। इससे पहले 28 विधानसभा सीटों में से 25 पर कांग्रेस से भाजपा में आए विधायक कई नेताओं के अरमानों पर बिजलियां गिरा ही चुके हैं।

इंदौर में हुई भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक वैसे भी नगरीय निकाय के चुनाव पर ही केंद्रित रही है। सिंधिया समर्थकों को भी कार्यकारिणी में जगह न मिलने के बाद यह उम्मीद है कि उन्हें नगरीय निकाय के चुनावों में महत्व मिलेगा। वहीं भाजपा नेताओं को भी यह शंका है कि कहीं सिंधिया समर्थकों के कारण उनकी उम्मीदों पर कुठाराघात न हो जाए। ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं का आक्रोश आने वाले समय में और भी मुखर हो सकता है। मुरलीधर राव का बयान इसका एक इशारा भर है।

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