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दमोह उपचुनाव: मलैया परिवार के अलावा एक और बड़ा फैक्टर?

कहा जा रहा है कि दमोह सीट पर मलैया परिवार के अलावा एक और फैक्टर चुनाव प्रभावित कर सकता है।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) दमोह उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही चुनावी मोर्चा संभाल चुकी हैं। भाजपा ने दलबदल कर आए राहुल लोधी को ही उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया है वहीं कांग्रेस में नाम पर मंथन अभी चल रहा है। इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि दमोह सीट पर मलैया परिवार के अलावा एक और फैक्टर चुनाव प्रभावित कर सकता है।

माना जा रहा है कि दमोह से लगी पथरिया विधानसभा सीट से विधायक रामबाई भी इस उपचुनाव में एक बड़ा फैक्टर साबित हो सकती हैं। विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह परिहार की तलाश में पुलिस जबर्दस्त तरह से एक्टिव है। ऐसे में भाजपा सरकार से विधायक रामबाई बेहद नाराज हैं। रामबाई का कुर्मी, ठाकुर दलित और मुस्लिम वर्ग पर अच्छा प्रभाव माना जाता है।

सवाल यह है कि रामबाई की नाराजगी क्या भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में भारी पड़ सकती है। रामबाई की छवि एक दबंग विधायक की है और उनसे जुडे करीबी लोगों का मानना है कि रामबाई का प्रभाव इस बार दमोह उपचुनाव में दिखाई दे सकता है। हालांकि कांग्रेस ने भी अब रामबाई से दूरी बना ली है।

कांग्रेस नेता गोविंद चौरसिया हत्याकांड में जिस तरह सुप्रीम कोर्ट ने रामबाई के पति के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं ,उसके बाद प्रदेश सरकार भी रामबाई को लेकर कोई नरमी बरतने के मूड में नहीं दिख रही। ऐसे में सरकार और रामबाई की बढ़ती दूरी दमोह उपचुनाव को भी प्रभावित कर सकती है।


इधर भाजपा अब भी मलैया परिवार को लेकर संशय की स्थिति में हैं। राहुल लोधी की उम्मीदवारी के बाद जयंत मलैया तो चुप्पी साधे हैं लेकिन उन्होंने अपने बेटे सिद्धार्थ मलैया को आगे कर दिया है। सिद्धार्थ लगातार यहां अपने समर्थकों के साथ बैठक कर रहे हैं।

वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 25 मार्च को दमोह जा रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे पहले कांग्रेस यहां अपने प्रत्याशी का ऐलान कर देगी और कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस अपना विधिवत चुनाव प्रचार भी शुरू कर देगी। अभी तक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अजय टंडन ही उम्मीदवारी की रेस में आगे हैं।

दमोह में तीस मार्च तक नामांकन भरे जाना हैं। वहीं 17 अप्रैल को यहां मतदान होगा। चुनाव नतीजा 2 मई को घोषित होगा।

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